छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में बुधवार को दिनदहाड़े हुई एक लूट ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। नगरपालिका चौक पर स्थित राजेश ज्वेलर्स में तीन बदमाशों ने कट्टे की नोक पर आभूषणों की लूट की। इस घटना से स्थानीय लोगों के बीच भय और असुरक्षा का माहौल है, और यह घटना न केवल पुलिस की सतर्कता पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं की भी गवाही देती है।
यह लूटपाट दोपहर करीब 12:30 बजे हुई, जब बाइक सवार चार युवक ज्वेलरी की दुकान के पास पहुंचे। इनमें से एक युवक बाहर निगरानी कर रहा था, जबकि तीन बदमाश दुकान के अंदर घुस गए। उस समय दुकान में मालिक राजेश सोनी और दो ग्राहक मौजूद थे। बदमाशों ने कट्टे की नोक पर सभी को धमकाया और दुकान में रखे सोने के आभूषण लूट लिए। लुटेरों ने दुकान के शोकेस में रखे आभूषणों को भी समेट लिया और बाइक पर फरार हो गए।
दुकान मालिक के अनुसार, लूटे गए आभूषणों की कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये है। घटना के बाद, राजेश सोनी ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। हालांकि, तुरंत नाकाबंदी के बावजूद लुटेरे अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
यह घटना पुलिस और स्थानीय प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती है। रामानुजगंज, जो पहले से ही आभूषण व्यवसायियों के लिए संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, इस तरह की घटनाओं से और अधिक असुरक्षित हो गया है। इसके पहले भी रामानुजगंज में कई लूटपाट और उठाईगिरी की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से ज्यादातर मामलों में अपराधी पकड़े नहीं गए हैं। इस बार की घटना ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है, क्योंकि यह लूट दिनदहाड़े हुई, जब बाजार में लोगों की आवाजाही भी होती है।
इस घटना के बाद स्थानीय आभूषण व्यवसायियों में भारी चिंता और आक्रोश है। आए दिन हो रही लूटपाट की घटनाओं ने उनके व्यवसाय को असुरक्षित बना दिया है। आभूषण जैसे महंगे सामानों की दुकानों के लिए बेहतर सुरक्षा इंतजामों की मांग अब और तेज हो गई है। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि वे इस मामले को सुलझाने के लिए पूरी तरह से जुटे हुए हैं और जल्द ही लुटेरों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन इस प्रकार की वारदातें आम नागरिकों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।
इस प्रकार की आपराधिक घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासन को तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे। दुकानों और संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, पुलिस गश्त में वृद्धि और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि लुटेरे अक्सर राज्य की सीमाओं का फायदा उठाकर भाग जाते हैं।