छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडी ब्लाक में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ प्रधानपाठक देवेंद्र ठाकुर की आत्महत्या ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना से संबंधित कांग्रेस नेता और पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को सत्र न्यायालय से खारिज हो गई, जिससे उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।
देवेंद्र ठाकुर, जो डौंडी ब्लाक में प्रधानपाठक के पद पर कार्यरत थे, ने 3 सितंबर को आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें मोहम्मद अकबर और तीन अन्य व्यक्तियों के नाम थे। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में केस दर्ज किया। इस मामले में देवेंद्र ठाकुर ने वन विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर 75 लोगों से 3.70 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप लगाए थे। जब वह इन पैसों को लौटाने में असमर्थ हो गए, तो उन्होंने मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या का कठोर कदम उठाया।
मोहम्मद अकबर ने इस मामले में खुद को दोषमुक्त साबित करने के लिए जिला सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी। लेकिन सत्र न्यायाधीश एसएल नवरत्न ने इसे खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि मामला अत्यधिक गंभीर है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि अगर आरोपित को जमानत दी जाती है, तो वह साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। इस निर्णय ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है और मोहम्मद अकबर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
इस मामले में अब तक तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने सबसे पहले मदार खान और प्रदीप ठाकुर को अमरावती से गिरफ्तार किया था। इसके बाद, बुधवार को तीसरे आरोपित हरेंद्र नेताम को गिरफ्तार किया गया, जिसे पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अधिकारी सीएसपी राजहरा चित्रा वर्मा के अनुसार, सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है और मामले की तह तक पहुँचने की कोशिश की जा रही है।
इस घटना ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है, खासकर कांग्रेस पार्टी के लिए। पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का नाम आने से पार्टी पर भी दबाव बढ़ा है। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया है और जनता के बीच भी इसे लेकर भारी रोष व्याप्त है।
देवेंद्र ठाकुर की आत्महत्या ने न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि किस प्रकार बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह में फंसे लोग ऐसे कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। मामले की जाँच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।