बिलासपुर। अवैध शराब के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद, आखिरकार बिलासपुर जिले के आबकारी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है। इस छापेमारी में 500 लीटर से अधिक महुआ शराब और 5 हजार महुआ लहान जब्त किया गया। यह सारा सामान गनियारी के तालाब में छुपा कर रखा गया था, जहां आबकारी विभाग की टीम ने पहुंचकर इसे बरामद किया। खबर लिखने तक कार्यवाई जारी है जप्त शराब और सामानों की संख्या बढ़ भी सकती है।
इस पूरी कार्रवाई की सबसे खास बात यह रही कि यह कलेक्टर के निर्देश पर हुई। आमतौर पर इस तरह की शिकायतों पर विभाग का रवैया थोड़ा ढीला रहता है, और कई बार मामले सेटलमेंट की ओर भी बढ़ जाते हैं। परंतु इस बार, कलेक्टर को सीधी शिकायत मिलने के बाद जिले के मुखिया के सख्त निर्देश पर तुरंत कार्रवाई की गई।
आबकारी विभाग पर पहले भी यह आरोप लगते रहे हैं कि वह अवैध शराब के मामलों में समय रहते उचित कदम नहीं उठाता, और कार्रवाई करने में संकोच करता है। विभाग पर यह आरोप भी रहे हैं कि बड़े स्तर पर होने वाली अवैध शराब की गतिविधियों को नज़रअंदाज़ किया जाता है, और कई बार मामला रफा-दफा हो जाता है।
जैसे ही विभाग की टीम ने गनियारी के तालाब में छापा मारा, वहां से बड़ी मात्रा में महुआ शराब और लहान बरामद किया गया। इस छापेमारी से यह साफ हो गया कि इलाके में अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा था, जिसे प्रशासन के हस्तक्षेप के बिना रोक पाना कठिन था। विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तलाब से महुआ लहान निकालने का काम शुरू किया, और संबंधित सामग्री को जप्त किया।
इस कार्रवाई के बाद आबकारी विभाग पर अब एक नई जिम्मेदारी आ गई है—यह सुनिश्चित करने की कि इस तरह की गतिविधियां दोबारा न हों। इसके साथ ही, यह भी देखना होगा कि क्या विभाग अब अपनी छवि सुधारने की दिशा में कदम उठाएगा या पहले की तरह मामलों को नजरअंदाज करता रहेगा।
बिलासपुर जिले में अवैध शराब के खिलाफ इस तरह की कार्रवाइयों की जरूरत पहले से ही महसूस की जा रही थी। उम्मीद की जा रही है कि कलेक्टर के इस सख्त रुख से आबकारी विभाग को और भी सख्ती से काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।