बिलासपुर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दयालबंद शाखा में कार्यरत एक बैंक कर्मचारी पर किसानों का पैसा गबन करने का आरोप लगा है। इस मामले में आरोपी खुशबू शर्मा ने अपने ससुर और सास को भी जबरन फंसा दिया। हालांकि, हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिविल कोर्ट द्वारा बुजुर्ग दम्पती के खिलाफ पारित आदेश पर रोक लगा दी है।
बैंक घोटाले का खुलासा
खुशबू शर्मा, जो बैंक में क्लर्क सह कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थी, पर आरोप है कि उसने किसानों के खातों में हेरफेर कर 80 लाख रुपये का गबन किया। मामले के उजागर होने पर पहले उसने बैंक प्रबंधन को शपथपत्र में 14 लाख रुपये लौटाने का आश्वासन दिया, फिर 80 लाख की पूरी रकम चुकाने की बात कही।
बुजुर्ग ससुर-सास को जबरन फंसाया
खुशबू ने इस घोटाले में अपने ससुर जानकी प्रसाद शर्मा और सास को भी शामिल कर लिया, जबकि इनका बैंक से कोई लेना-देना नहीं था। ये दोनों अलग मकान में रहते थे और बैंक के कामकाज में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। इसके बावजूद सिविल कोर्ट ने उनके खिलाफ आदेश पारित कर दिया।
हाईकोर्ट ने दिया बुजुर्गों को राहत
ससुर जानकी प्रसाद शर्मा ने सिविल कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। एडवोकेट धीरेन्द्र पाण्डेय द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने निचली अदालत के आदेश पर स्थगन प्रदान किया। साथ ही, कोर्ट ने बैंक मैनेजर को भी पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
खुशबू का ससुर-सास पर आरोप
खुशबू ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उसके ससुर और सास ने उसे इस गबन को अंजाम देने के लिए मजबूर किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, खुशबू पहले बैंक में कैशियर के पद पर तैनात थी और वहीं से यह घोटाला शुरू हुआ। बैंक के शाखा प्रबंधक हितेश सलूजा ने दिसंबर 2022 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद खुशबू को गिरफ्तार कर लिया गया।