Sunday, December 22, 2024
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बिलासपुर: फिलिस्तीन झंडा विवाद पर सर्व दलीय मंच की शांति की अपील…कहा शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश…

बिलासपुर।18 सितंबर। हाल ही में बिलासपुर के तारबाहर क्षेत्र में फिलिस्तीन का झंडा फहराने के नाम पर उत्पन्न हुए विवाद ने शहर में शांति भंग करने की आशंकाओं को जन्म दिया है। इस घटना के बाद पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले को गंभीर साजिश करार देते हुए सर्व दलीय मंच ने इसे शहर की सामाजिक समरसता को बिगाड़ने का प्रयास बताया है। मंच ने प्रशासन से संवैधानिक और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है, ताकि शहर के शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखा जा सके।

मंगलवार को तारबाहर क्षेत्र में एक आयोजन के दौरान फिलिस्तीन का झंडा फहराने को लेकर विवाद खड़ा हुआ। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, संयुक्त नागरिक मंच और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस घटना को समुदायों के बीच विवाद भड़काने की कोशिश के रूप में देखा। उनका आरोप है कि फिलिस्तीन झंडे के इस्तेमाल को हिंदू संगठनों ने गलत तरीके से प्रस्तुत कर पुलिस पर दबाव बनाया और निर्दोष लोगों पर कार्रवाई कराई गई।

बिलासपुर प्रेस क्लब में बुधवार को हुई प्रेस वार्ता में सर्व दलीय मंच ने शांति और सद्भाव की अपील की। गुरु घासीदास सेवादार संघ के संयोजक लखन सुबोध ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे शहर में सांप्रदायिक तनाव पैदा करके राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि फिलिस्तीन भारत का मित्र देश है, और वहां के झंडे को लेकर इस तरह की प्रतिक्रिया अत्यंत असंवेदनशील है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हम ऐसे नफरत भरे माहौल में बच्चों का सुरक्षित भविष्य देख सकते हैं?

संयुक्त नागरिक मंच के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि शहर में जो कुछ हो रहा है, वह भारतीय संविधान और कानून की भावना के खिलाफ है। समाजसेवी नंद कश्यप ने फिलिस्तीन मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राष्ट्र है और भारत ने भी इसके समर्थन में कदम उठाए हैं। उन्होंने इस घटना को शहर की शांति और सामाजिक एकता के लिए गंभीर खतरा बताया और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की।

अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों ने त्योहार के दौरान साज-सज्जा की थी, उन्हें जबरन आरोपी बना दिया गया। इसके अलावा, उनकी जमानत के प्रयास में भी प्रशासन का सहयोग नहीं मिला। उन्होंने इसे हिंदू संगठनों के दबाव में की गई अनुचित कार्रवाई बताया और मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए निष्पक्षता बरती जाए।

इस घटना के बाद सर्व दलीय मंच ने शहर में अमन-चैन की बहाली और समरसता का संदेश देने के लिए आगामी दिनों में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। मंच का कहना है कि देश संविधान से चलता है, न कि धार्मिक भावनाओं से। इस प्रकार के तनावपूर्ण माहौल से न केवल शहर का सामाजिक ताना-बाना कमजोर होता है, बल्कि इससे देश की एकता और अखंडता पर भी आंच आती है।

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