Sunday, December 22, 2024
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अटैचमेन्ट समाप्त करने के आदेश का पालन नहीं करने वाले डॉक्टर और कर्मचारी होंगे निलंबित, एसडीएम करें राशन दुकान की समीक्षा…

बिलासपुर, एक प्रगतिशील शहर के रूप में उभरने के लिए, समाज के सबसे निचले स्तर पर खड़े लोगों की सहायता और पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक उल्लेखनीय पहल की जा रही है। सड़कों पर भिक्षावृत्ति में संलग्न लोगों के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक कार्य-योजना बनाने का निर्णय लिया है, जिससे उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके और उन्हें आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इस कार्य-योजना को कलेक्टर अवनीश शरण की पहल पर लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सड़कों पर भिक्षा मांगने वाले गरीब और निराश्रित लोगों को शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार लाभ दिलाना है।

कलेक्टर अवनीश शरण की अध्यक्षता में हुई साप्ताहिक टीएल (टाइम लाइन) बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस कार्य के लिए नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार की अध्यक्षता में एक अधिकार संपन्न समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति का मुख्य कार्य ऐसे लोगों का चिन्हांकन कर, उनके पुनर्वास के लिए 15 दिनों के भीतर एक प्रस्ताव तैयार करना होगा। यह प्रस्ताव उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन कर, उन्हें शासन की योजनाओं के तहत लाभ दिलाने की दिशा में काम करेगा। इसके लिए, जरूरत पड़ने पर निराश्रित निधि का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे उनके पुनर्वास में कोई वित्तीय अड़चन न आए।

बैठक में कलेक्टर ने शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री की कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए, सभी योजनाओं पर तेजी से कार्य करने के आदेश दिए। विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट खत्म करने के आदेश का पालन न होने पर कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और संबंधित डॉक्टरों व कर्मचारियों के वेतन को रोकने और निलंबन का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया।

कलेक्टर ने पीडीएस सिस्टम के सही तरीके से संचालन की जिम्मेदारी संबंधित एसडीएम को दी है। सभी एसडीएम को आदेशित किया गया है कि वे माह में कम से कम एक बार दुकान संचालकों की बैठक लेकर स्थिति की समीक्षा करें। इसके साथ ही, स्कूल जतन योजना में गड़बड़ी की जांच के लिए गठित समिति को 30 सितंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया, जिससे दोषियों को दंडित किया जा सके और आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिकी भी दर्ज की जा सके।

कलेक्टर ने स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी गंभीरता से ध्यान दिया। आयुष्मान भारत योजना के तहत 7 लाख लोगों को अभी तक कार्ड नहीं मिल सके हैं। इस मुद्दे पर कलेक्टर ने एक बार फिर अभियान चलाने के निर्देश दिए, जो 1 से 15 अक्टूबर तक चलेगा। इसके साथ ही, उन्होंने सभी छात्रावासों में मासिक स्वास्थ्य परीक्षण को अनिवार्य किया है।

बैठक में हाई कोर्ट के आस-पास विश्राम गृह की स्वीकृति की जानकारी भी दी गई, जिससे पूरे राज्य से आने वाले अधिकारियों के ठहरने की समस्या का समाधान हो सके। इसके साथ ही, 15 साल से पुराने शासकीय वाहनों के अपलेखन और ओबीसी सर्वे की प्रक्रिया को 25 सितंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने फिर से जोर देकर कहा कि स्कूल और अस्पताल के 100 मीटर के दायरे में पान-गुटखा की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए और अधिकारी इस दिशा में लगातार कार्रवाई करते रहें।

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