Tuesday, October 22, 2024
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CG NEWS: सूदखोरी के कुख्यात ‘गोल्डमैन’ की गिरफ्तारी: व्यापारी से 5 लाख का लोन देकर 30 लाख वसूले जाने का मामला…

छत्तीसगढ़, रायपुर: सूदखोरी और अपराध जगत में ‘गोल्डमैन’ के नाम से कुख्यात रोहित तोमर को रायपुर पुलिस ने एक व्यापारी से 5 लाख रुपये के कर्ज पर 30 लाख रुपये वसूलने के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है। इस मामले ने सूदखोरी के बढ़ते खतरों की ओर ध्यान खींचा है, जिसमें कर्ज देने वाले व्यक्ति द्वारा उधार ली गई राशि से कई गुना ज्यादा रकम वसूली जाती है।

गिरफ्तारी का मुख्य कारण एक व्यापारी रामकुमार गुप्ता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि रोहित तोमर और उसके मैनेजर योगेश सिन्हा ने उन्हें नवंबर 2023 में 5 लाख रुपये का कर्ज देकर 30 लाख रुपये वसूलने का प्रयास किया। आरोप है कि रोहित तोमर और उनके साथी ने पीड़ित को धमकाकर न केवल उनसे भारी ब्याज वसूला बल्कि उन्हें मारपीट और अपहरण जैसे अपराधों का भी शिकार बनाया।

पीड़ित व्यापारी का दावा है कि रोहित तोमर के मैनेजर योगेश सिन्हा ने उसे नवंबर 2023 में जबरन रोहित से मिलने पर मजबूर किया। रोहित तोमर ने पिस्तौल दिखाकर धमकाया और व्यापारी को अपनी गाड़ी में बिठा लिया। इसके बाद व्यापारी का 32 तोला सोना भी जबरन रख लिया गया। यह मामला यहीं नहीं थमा; व्यापारी को एक ग्रीन बॉन्ड पेपर पर हस्ताक्षर कराने के साथ ही चेक भी लिए गए। पीड़ित से हर दिन 5,000 रुपये का ब्याज वसूला जाने लगा। जब व्यापारी ने इसका विरोध किया, तो उसे जान से मारने की धमकियां दी गईं।

रोहित तोमर पहले भी कई मामलों में गिरफ्तार हो चुका है। रायपुर के हाईपर क्लब मारपीट से लेकर तेलीबांधा, राजेंद्र नगर, पुरानी बस्ती और गुढ़ियारी जैसे इलाकों में उसके खिलाफ 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इन मामलों में सूदखोरी, ब्लैकमेल, और मारपीट के गंभीर आरोप शामिल हैं। यह व्यक्ति, जिसे ‘गोल्डमैन’ के नाम से जाना जाता है, अपने बाहुबल और गिरोह के जरिए इलाके में अपना प्रभाव बनाए रखता है।

रोहित तोमर का नाम सूदखोरी के मामलों में उभरने का मुख्य कारण उसका कर्ज देने का तरीका है, जिसमें वह छोटी रकम देकर कई गुना राशि ब्याज के रूप में वसूलता है। इसी तरह के एक मामले में उसने व्यापारी रामकुमार गुप्ता से जबरन 30 लाख रुपये वसूलने का प्रयास किया। पुलिस ने इस मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया, जब वह अपनी जैगुआर कार में फरार होने की कोशिश कर रहा था।

रोहित तोमर की गिरफ्तारी 12 सितंबर को हुई, पर पुलिस ने इसे सार्वजनिक करने से बचते हुए उसे 13 सितंबर को चुपचाप जेल भेज दिया। रामनगर चौकी प्रभारी ने बाद में पुष्टि की कि रोहित और उसके मैनेजर योगेश को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, पुलिस का मामला को सार्वजनिक न करने का यह कदम सवाल खड़े करता है। इससे यह साफ होता है कि रोहित तोमर के खिलाफ पहले से दर्ज कई मामले होने के बावजूद, वह अपने रसूख का इस्तेमाल कर पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है।

रोहित तोमर का मामला सूदखोरी के उन खतरों की ओर ध्यान दिलाता है, जो समाज के कमजोर वर्गों पर गहरा असर डालते हैं। यह सिर्फ एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से धन वसूलने का मामला नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि किस प्रकार सूदखोर अपने राजनीतिक और बाहुबल के जरिए लोगों को कर्ज के जाल में फंसा कर उनका शोषण करते हैं। इस मामले ने सूदखोरी के खिलाफ सख्त कानूनों की जरूरत को फिर से उजागर किया है।

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