बिलासपुर। भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री, ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी टिप्पणी के ज़रिए प्रदेश की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक ढाँचे पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनके इस वक्तव्य में स्पष्ट रूप से राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा कि “ख़राबी सिर्फ़ डिब्बों में नहीं हैं, इंजन को भी हटाना पड़ेगा।”
यह बयान एक व्यापक मुद्दे की ओर संकेत करता है: प्रदेश की कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक असफलता। बघेल के आरोप मुख्य रूप से राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा की कार्यक्षमता पर केंद्रित हैं। बघेल ने साहू समाज के सवाल को उठाते हुए गृह मंत्री को हटाने की मांग की है, जो एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक संदेश देता है। साहू समाज एक प्रभावशाली समुदाय है, और इस मुद्दे पर उनके सवालों का उठना भाजपा सरकार के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
भूपेश बघेल का बयान इस तथ्य पर भी प्रकाश डालता है कि कबीरधाम जिले में कलेक्टर और एसपी का तबादला किया गया है। यह तबादला उस समय हुआ जब जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो रही थी। बघेल ने इसे एक ‘शर्मनाक’ घटना करार दिया और कहा कि यह भाजपा शासन के दौरान एक सामान्य घटना बन चुकी है। उनके अनुसार, अगर कानून व्यवस्था में लगातार विफलता हो रही है, तो केवल जिला अधिकारियों को बदलना पर्याप्त नहीं है। असली समस्या गृह मंत्री के नेतृत्व में है, और इसलिए सरकार को इस पर भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
गृह मंत्री विजय शर्मा पर बघेल का हमला सीधे तौर पर भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर एक सवालिया निशान खड़ा करता है। कानून-व्यवस्था किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है और जब यह विफल होती है, तो केवल निचले स्तर के अधिकारियों को हटाना एक तात्कालिक समाधान हो सकता है, लेकिन समस्या की जड़ पर चोट नहीं करता। बघेल का कहना है कि इंजन को ही बदलने की आवश्यकता है, जो सीधे तौर पर शर्मा की जिम्मेदारी की ओर इशारा करता है।
इस बयान के माध्यम से बघेल ने राजनीतिक रूप से भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की है, खासकर उस समय जब राज्य में नगरीय निकाय का चुनावी माहौल तैयार हो रहा है। उनके इस आक्रामक रुख से यह स्पष्ट है कि वह भाजपा सरकार को उनके वादों और प्रशासनिक कमियों पर जवाबदेह ठहराना चाहते हैं।
विपक्षी दल के नेता होने के नाते, भूपेश बघेल ने यह सुनिश्चित किया है कि वह राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और जनता के सामने भाजपा सरकार की कमजोरियों को उजागर करें। गृह मंत्री को हटाने की मांग और कानून व्यवस्था के मसले पर गंभीरता से चर्चा करते हुए बघेल ने एक राजनीतिक संदेश दिया है, जो प्रदेश की जनता और खासकर उन सामाजिक समूहों को प्रभावित कर सकता है जो इस मुद्दे से सीधे तौर पर जुड़े हैं।