बिलासपुर। हाल ही के जगमल चौक स्थित पटाखा दुकान में हुए हादसे के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर कलेक्टर के निर्देशानुसार पूरे जिले में पटाखा दुकानों की सघन जाँच शुरू कर दी गई है। इस कार्यवाही का नेतृत्व एसडीएम पीयुष तिवारी द्वारा किया जा रहा है, जो जिला प्रशासन के तहत गठित एक विशेष टीम का हिस्सा हैं।
जगमल चौक में हुए हादसे ने प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि पटाखा दुकानों की स्थिति और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इसी कारण, कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से पूरे शहर और आस-पास के इलाकों में पटाखा दुकानों की जाँच के निर्देश जारी किए। इस निर्देश के तहत एसडीएम के नेतृत्व में तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार की टीम ने बिलासपुर के खपरगंज और जूनी लाइन स्थित पटाखा दुकानों पर छापेमारी की और व्यापक जाँच की।
जाँच के दौरान दुकानदारों से उनके अनुज्ञप्ति लाइसेंस की पुष्टि की गई और यह देखा गया कि उनके पास मौजूद स्टॉक उचित मात्रा में है या नहीं। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया कि पटाखों का भंडारण उचित सुरक्षा मानकों के अनुसार किया जा रहा है या नहीं। यदि किसी दुकान में अनियमितता पाई गई, तो तत्काल आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
प्रशासन ने जाँच के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें प्रत्येक दुकान की स्थिति और सुरक्षा मानकों का विस्तृत विवरण दर्ज किया गया है। इन रिपोर्टों के आधार पर दुकानदारों को आवश्यक सुधार के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह जाँच सिर्फ बिलासपुर तक सीमित नहीं रहेगी। कलेक्टर के निर्देशानुसार, अन्य शहरों और कस्बों में भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि त्योहारी सीजन के दौरान पटाखा विक्रेताओं को सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करना होगा।
बिलासपुर के जगमल चौक हादसे ने प्रशासन को चौकस कर दिया है और अब प्रशासन ने पटाखा दुकानों की सघन जाँच की शुरुआत कर दी है। इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसे हादसों पर अंकुश लगेगा और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।