
हाल ही में अपोलो हॉस्पिटल, बिलासपुर में क्षेत्र का पहला ट्रांसआर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (TAVR) सफलतापूर्वक किया गया, जिससे एक 75 वर्षीय मरीज की जान बचाई गई। यह प्रक्रिया हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र प्रसाद समल और उनकी टीम द्वारा संपन्न की गई। यह प्रक्रिया उन मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है, जिन्हें आर्टिक वाल्व स्टेनोसिस जैसी गंभीर समस्या है।
आर्टिक वाल्व स्टेनोसिस क्या है?
आर्टिक वाल्व स्टेनोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय का वाल्व कठोर या संकीर्ण हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता। इससे मरीजों को थकान, चक्कर आना, सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं होती हैं। अगर इस स्थिति का सही समय पर उपचार नहीं किया जाता, तो जटिलताएं और भी बढ़ सकती हैं और मरीज की जान को खतरा हो सकता है।
TAVR प्रक्रिया: जीवनदायिनी तकनीक
TAVR, यानी ट्रांसआर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट, एक उन्नत और अत्यधिक सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसका उपयोग विशेष रूप से ऐसे मरीजों के लिए किया जाता है, जिनके वाल्व की कार्यक्षमता बेहद कम हो चुकी होती है। इस प्रक्रिया में हृदय के पुराने या खराब हो चुके वाल्व की जगह एक नए बायो-प्रोस्थेसिस वाल्व को लगाया जाता है।
डॉ. समल ने बताया कि इस प्रक्रिया को एक छोटे से छेद के माध्यम से कैथेटर (एक लचीली ट्यूब) का उपयोग करके किया गया। यह कैथेटर शरीर में प्रवेश कर पुराने, खराब हो चुके वाल्व के स्थान पर नए वाल्व को फिट करता है। नया बायो-प्रोस्थेसिस वाल्व, तुरंत पुराने वाल्व की जगह लेकर सही ढंग से काम करना शुरू कर देता है, जिससे हृदय की रक्त प्रवाह की क्षमता सुधर जाती है।
अपोलो हॉस्पिटल: अत्याधुनिक तकनीक से लैस
अपोलो हॉस्पिटल, बिलासपुर कार्डियक थोरेसिक लैब और प्रशिक्षित स्टाफ से सुसज्जित है, जो जटिल हृदय प्रक्रियाओं को संपन्न करने में सक्षम है। इस अस्पताल के प्रमुख, अर्नब रlहा ने कहा कि अपोलो हॉस्पिटल सदैव मरीजों की बेहतरी के लिए नवीनतम और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करने में अग्रणी रहा है। यह सफल TAVR प्रक्रिया इसका एक और प्रमाण है।
75 वर्षीय मरीज का सफल उपचार
यह प्रक्रिया 75 वर्षीय बैकुंठपुर निवासी के लिए जीवनदायिनी साबित हुई, जिनका वाल्व स्टेनोसिस के कारण स्वास्थ्य बिगड़ रहा था। टीएवीआर प्रक्रिया के बाद मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ और वह स्वस्थ होकर घर लौट गए।
अपोलो हॉस्पिटल, बिलासपुर में इस सफल TAVR प्रक्रिया ने साबित कर दिया है कि यह अस्पताल न केवल क्षेत्र में, बल्कि देशभर में भी हृदय रोगों के उपचार में अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता के साथ अग्रणी है। यह घटना उन मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है, जो जटिल हृदय रोगों से जूझ रहे हैं और उच्च जोखिम वाले पारंपरिक सर्जरी से बचना चाहते हैं।
अपोलो हॉस्पिटल ने हृदय रोग उपचार में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो भविष्य में और भी मरीजों के लिए राहतकारी सिद्ध होगा।