बिलासपुर, 19 अक्टूबर। आज मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर अवनीश शरण ने राजस्व विभाग के कामकाज की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को तेजी से मामलों के निराकरण का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के कार्यों की प्रगति राज्य स्तर पर प्रथम पांच स्थानों में होनी चाहिए, और इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को अपनी कार्यक्षमता में सुधार लाना होगा। उन्होंने बताया कि आने वाली राजस्व बैठक में उप पंजीयक और जिला पंजीयक को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि पंजीयन के बाद नामांतरण में हो रही देरी को दूर किया जा सके।
जनदर्शन के दौरान सीमांकन के कई पुराने मामलों के लंबित होने की शिकायतें मिलीं। इस पर कलेक्टर ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अगर कोई मामला 15 दिन से ज्यादा पुराना पाया जाता है और वह जनदर्शन में आता है, तो संबंधित पटवारी को निलंबित किया जाएगा। साथ ही, तहसीलदार को भी इसके लिए जवाब देना होगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए कहा ताकि नागरिकों को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े।
कलेक्टर ने गिरदावरी सर्वे की रिपोर्ट के सत्यापन को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐप के माध्यम से गिरदावरी के तथ्यों की जांच करने को कहा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फसलों की वास्तविक स्थिति और सर्वे में दर्ज विवरण एक जैसे हों। उन्होंने जिला और राज्य स्तर पर कुछ खसरा नंबरों की रैंडम जांच करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने धान खरीदी की तैयारी पर भी अधिकारियों से जानकारी ली और इसे प्राथमिकता के साथ संपन्न करने की बात कही।
कलेक्टर ने पटवारियों को मुख्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने और जनता से नियमित रूप से मिलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत और पटवारी कार्यालय में पटवारी की उपस्थिति का समय दीवार लेखन के माध्यम से प्रदर्शित किया जाना चाहिए, ताकि नागरिकों को उनकी उपस्थिति की जानकारी हो सके। इसके साथ ही, समय सीमा से बाहर के मामलों में देरी के कारणों को भी स्पष्ट रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों से हर सप्ताह निपटाए गए मामलों का विवरण भू अभिलेख शाखा में जमा करने के लिए कहा, जिसमें नक्सा बटांकन, त्रुटि सुधार और भू-अर्जन जैसे महत्वपूर्ण मामलों का विशेष उल्लेख हो। उन्होंने कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों के लिए पृथक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया। इन अधिकारियों से उनके संबंधित एसडीएम के साथ शनिवार को बैठक की जाएगी, ताकि उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सके।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि भूमि पंजीयन के बाद नामांतरण में होने वाली देरी को रोकने के लिए उप पंजीयक और तहसीलदारों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि भूमि पंजीयन की सूचना तहसीलदारों को समय पर न मिलने से नामांतरण में विलंब हो रहा है, जिसे तत्काल ठीक किया जाना चाहिए। इसके लिए आगामी बैठक में उप पंजीयक और जिला पंजीयक को भी बुलाने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर अवनीश शरण की इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट होता है कि राजस्व विभाग में कार्यों की गति और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों को अपने कार्यों में अधिक जिम्मेदारी और तत्परता दिखानी होगी ताकि विभागीय कार्यों की प्रगति को राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन दिलाया जा सके। साथ ही, नागरिकों की समस्याओं का समय पर समाधान हो सके और विभाग की कार्यक्षमता में सुधार हो।