Tuesday, October 22, 2024
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बिलासपुर: थाने में आदतन अपराधी का आतंक और पुलिस की किरकिरी के बाद, एसपी ने किया थाना प्रभारी सहित 6 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक आदतन अपराधी ने थाने में घुसकर आतंक मचाया और पुलिस को गाली-गलौज करने लगा। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसके बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

आदतन अपराधी विकास रावत, जो गुंडा बदमाशों की सूची में शामिल है, रतनपुर थाने में घुसकर वहां के पुलिसकर्मियों के सामने खुलेआम गाली-गलौज करता रहा। इस घटना के दौरान पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और किसी ने भी अपराधी को रोकने या कार्रवाई करने की कोशिश नहीं की। थाने में अपराधी का यह हौसला देखकर आम जनता में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरा अविश्वास पैदा हुआ है।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस विभाग की काफी आलोचना हो रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि कैसे एक अपराधी थाने में घुसकर इस तरह का आतंक मचा सकता है और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। घटना के बाद पुलिस विभाग की छवि पर गहरा असर पड़ा है, जिससे पुलिस की कार्यकुशलता और अपराध नियंत्रण पर सवाल खड़े हो गए हैं।

घटना के बाद बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रजनेश सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई की। एसपी ने रतनपुर थाना प्रभारी रजनीश सिंह सहित पांच पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है। इसमें थाना प्रभारी के अलावा प्रधान आरक्षक नंदकुमार यादव और आरक्षक अजय भारद्वाज, घनश्याम राठौर, दुर्गेश प्रजापति और राकेश आनंद शामिल हैं।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस विभाग में सुधार की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए और अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। साथ ही, अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि जनता का पुलिस में विश्वास बना रहे।

बिलासपुर जिले के रतनपुर थाने की यह घटना छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था पर गहरी चोट है। आदतन अपराधी द्वारा थाने में आतंक फैलाने और पुलिसकर्मियों द्वारा मूकदर्शक बने रहने से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। पुलिस अधीक्षक की त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, लेकिन इसके साथ ही पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी और कर्तव्यबोध को भी बढ़ाने की आवश्यकता है।

यह घटना पुलिस और जनता के बीच विश्वास को फिर से स्थापित करने की दिशा में एक कड़ा संदेश हो सकती है, बशर्ते पुलिस अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही तरीके से करे और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।

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