बिलासपुर: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन में 4-5 दिसंबर, 2024 को होने वाले मान्यता चुनाव के लिए रेल मजदूर यूनियन द्वारा जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। 25 अक्टूबर, 2024 को नामांकन की अंतिम तिथि से पहले, यूनियन ने भारी संख्या में कर्मचारियों की उपस्थिति में नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर ज़ोन के विभिन्न मंडलों से आए कर्मचारियों ने रेल मजदूर यूनियन कार्यालय में एकत्र होकर रैली निकाली और ज़ोनल मुख्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया।
इस अवसर पर यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अली इमरान ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह समय कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने और वर्षों से शोषण कर रही यूनियनों के खिलाफ खड़ा होने का है। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि वे इस चुनाव में रेल मजदूर यूनियन को विजय दिलाकर, ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाएं। अली इमरान ने बताया कि रेल मजदूर यूनियन लंबे समय से ओपीएस की बहाली के लिए संघर्ष कर रही है, और यह चुनाव उस लड़ाई में एक अहम कदम है।
यूनियन के महासचिव एम. एन. रिज़वान ने कहा कि दशकों से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने एनपीएस (NPS) और यूपीएस (UPS) पर हस्ताक्षर करने वाली यूनियनों पर आरोप लगाया कि उन्होंने कर्मचारियों की पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने विश्वास जताया कि कर्मचारी इस चुनाव में इन यूनियनों को करारा जवाब देंगे और अपने हक की लड़ाई में रेल मजदूर यूनियन का समर्थन करेंगे।
रेल मजदूर यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश नायक ने ट्रैकमैन और अन्य रेलवे कर्मचारियों की दयनीय स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा मान्यता प्राप्त यूनियनों ने कर्मचारियों के हितों के लिए कोई काम नहीं किया है, और ट्रैकमैन जैसे श्रमिकों को प्रमोशन और उपकरणों की कमी जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर रेल मजदूर यूनियन चुनाव जीतती है, तो उसकी प्राथमिकता ट्रैकमैन और अन्य कर्मचारियों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा करना होगी।
यूनियन के ज़ोनल ट्रेज़र तप सेन ने कहा कि रेल मजदूर यूनियन इस बार भी मान्यता प्राप्त यूनियन चुनाव में लड़ रहा है और उसकी मुख्य मांग है ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली। उन्होंने बताया कि एनपीएस और यूपीएस जैसी योजनाओं के खिलाफ केवल रेल मजदूर यूनियन ने लड़ाई लड़ी है, जबकि अन्य यूनियनों ने इन योजनाओं पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
कार्यक्रम में बिलासपुर ज़ोन के विभिन्न मुख्यालयों से आए सैकड़ों कर्मचारियों की भागीदारी रही, जिनमें प्रमुख नाम मोहम्मद जमाल, के. सोनी, राजकुमार सोनकर, जगदीश बंजारे, दिनेश परीदा, अनिरुद्ध टेंपलेकर, और अन्य शामिल थे। इन सभी ने एकजुट होकर इस चुनाव में रेल मजदूर यूनियन की जीत सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का यह मान्यता चुनाव कर्मचारियों के भविष्य और उनके अधिकारों की लड़ाई में एक अहम भूमिका निभाएगा। कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांगें, जैसे ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली और ट्रैकमैन के प्रमोशन व कल्याण के मुद्दे, इस चुनाव में प्रमुख मुद्दे बनकर उभरे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 4-5 दिसंबर, 2024 को होने वाले चुनाव में रेल मजदूर यूनियन कर्मचारियों का समर्थन हासिल कर पाती है या नहीं।
इस चुनाव में कर्मचारियों की भागीदारी और उनकी एकजुटता यह तय करेगी कि आने वाले समय में उनके अधिकारों और कल्याण के लिए कौन सी यूनियन उनकी आवाज बनेगी।