Tuesday, November 12, 2024
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आनंद पांडे: छत्तीसगढ़ का गौरव, अप्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित, तखतपुर के छोटे से गांव में जन्मे UNO में बढ़ा रहे प्रदेश का मान…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ का तखतपुर ब्लॉक, विशेष रूप से बेलसरी गांव, आज गर्व से झूम रहा है। इसके मूल निवासी, आनंद पांडे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय, न्यूयार्क में एक प्रतिष्ठित पद पर अपनी सेवाएं दी हैं, को छत्तीसगढ़ राज्य के राज्योत्सव में ‘छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान देश के बाहर अप्रवासी भारतीयों द्वारा सामाजिक कल्याण, साहित्य, मानव संसाधन, और आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है।

आनंद पांडे का जन्म 19 सितंबर 1977 को तखतपुर के बेलसरी गांव में हुआ था। उनके पिता दुर्गा प्रसाद पांडे बाल्को के महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। आनंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवा परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसमें वे वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे। वर्तमान में, 47 वर्षीय आनंद पांडे न्यूयार्क के किस्सेना बीएलबीडी में रहते हैं और संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण विभाग में कार्यरत हैं। वे वित्त प्रभाग, प्रबंधन विभाग, नीति और अनुपालन विभाग में मुख्य इकाई 4, एफएआरएस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र में योगदान और प्रदेश की संस्कृति का प्रचार

आनंद पांडे का करियर संयुक्त राष्ट्र संघ में कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं से भरा हुआ है। वे अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवा आयोग, कानूनी मामलों के कार्यालय, आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग, संयुक्त राष्ट्र संयुक्त कर्मचारी पेंशन फंड और वित्तीय नीति और आंतरिक नियंत्रण के क्षेत्रों में कार्यरत रहे हैं।

आनंद पांडे के नेतृत्व और समर्पण का यह परिणाम है कि वे संयुक्त राष्ट्र संघ में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने में सफल रहे हैं। उन्होंने न्यूयार्क में छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृति और धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया। साथ ही, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारतीय संस्कृति और अनुभव को बढ़ावा देने के लिए एक क्लब की स्थापना भी की, जिसे ‘सोसायटी’ के नाम से जाना जाता है।

छत्तीसगढ़ के लिए विशेष योगदान

आनंद पांडे ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 2007 में यूएनडीपी मानव विकास पुरस्कार जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने महासचिव संयुक्त राष्ट्र और सीएनएन के साथ संयुक्त कार्यक्रम का समन्वय किया, जिससे छत्तीसगढ़ का नाम वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रख्यात हुआ।

छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान

छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा हर साल राज्योत्सव में विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष, उपराष्ट्रपति जगदीश धनकड़ के हाथों आनंद पांडे को छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान न केवल आनंद पांडे के अंतरराष्ट्रीय योगदान की सराहना है, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक मंच पर ले जाने के उनके प्रयासों का भी प्रमाण है।

व्यक्तिगत जीवन और छत्तीसगढ़ से लगाव

संयोगवश, आनंद पांडे दीपावली के अवसर पर अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के लिए बिलासपुर में थे, जब उन्हें इस सम्मान के लिए चुने जाने की खबर मिली। मिलनसार और सहयोगी स्वभाव के धनी आनंद पांडे ने मंगला चौक के पास स्थित अपने निवास स्थान पर परिवार और मित्रों के साथ त्योहार मनाया। छत्तीसगढ़ से उनका गहरा संबंध बना हुआ है, और वे आज भी अपने गांव और आस-पास के लोगों के साथ सहजता और आत्मीयता से मिलते हैं।

आनंद पांडे का जीवन और करियर न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। संयुक्त राष्ट्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के उनके प्रयासों ने उन्हें एक विशेष पहचान दिलाई है। उनके इस सम्मान से न केवल उनका गांव, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उनका सरल और मिलनसार व्यक्तित्व हमें यह सिखाता है कि चाहे हम कितनी भी ऊंचाइयों पर क्यों न पहुंच जाएं, अपनी जड़ों से जुड़े रहना सबसे महत्वपूर्ण है।

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