बिलासपुर जिले में कलेक्टर अवनीश शरण की त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई ने एक श्रमिक परिवार को समय पर राहत प्रदान की है। प्रशासन की सक्रियता ने न केवल एक पीड़ित व्यक्ति को ठेकेदार की प्रताड़ना से छुटकारा दिलाया, बल्कि उसके परिवार को सुरक्षित रूप से उनके गृह ग्राम भी पहुँचाया। यह घटना सरकारी अधिकारियों के प्रति लोगों के विश्वास को और मजबूत करती है, विशेष रूप से जब न्याय की बात हो।
यह मामला तब सामने आया जब मुबारक खां नामक श्रमिक ने कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में अपनी व्यथा सुनाई। मुबारक खां, जो पन्ना जिले के गुन्नौर तहसील का निवासी है, बिल्हा तहसील के मंगला पासीद गांव में स्थित एक ईंट भट्ठे पर काम कर रहा था। उसने बताया कि ठेकेदार संतोष बंसल द्वारा उसे और उसके परिवार को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। ठेकेदार ने उन्हें उनकी मजदूरी से वंचित रखा और उन्हें घर जाने की अनुमति भी नहीं दी। इस श्रमिक ने यह भी बताया कि पिछले एक महीने से उसे परिवार सहित बंधक बनाकर रखा गया था और उनके पास खाने-पीने के लिए भी पैसे नहीं थे।
मुबारक खां की दर्द भरी दास्तां सुनकर कलेक्टर अवनीश शरण ने तत्काल इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए एसडीएम बिल्हा बजरंग वर्मा को मामले की जांच और कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एसडीएम ने तत्काल ठेकेदार और पीड़ित दोनों को बुलाकर मामले की जांच की। जांच में मुबारक खां की शिकायत सही पाई गई, और प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुबारक खां और उसके परिवार को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त करवाया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई का नतीजा यह हुआ कि मुबारक खां और उनका परिवार मात्र 24 घंटे के भीतर अपने घर सकुशल लौट सका। प्रशासन ने उनके लिए एक वाहन की व्यवस्था की, जिसमें उन्होंने अपने एक दर्जन घोड़ों को भी साथ ले जाने की अनुमति पाई। इस प्रकार, न केवल उनका परिवार सुरक्षित रूप से अपने गृह ग्राम वापस लौटा, बल्कि उनके जीवन के एक कष्टकारी अध्याय का भी अंत हुआ।
कलेक्टर अवनीश शरण की इस त्वरित और संवेदनशील पहल ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रशासन आम जनता की समस्याओं के प्रति सजग और जिम्मेदार है। सरकारी अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे समय पर उचित कदम उठाएँ, और इस मामले में भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। एसडीएम बजरंग वर्मा और उनकी टीम ने भी मामले को गंभीरता से लेकर पीड़ित को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह घटना न केवल प्रशासनिक सक्रियता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब सही समय पर सही कदम उठाए जाते हैं, तो समाज के सबसे कमजोर वर्गों को भी न्याय मिल सकता है। कलेक्टर अवनीश शरण और उनकी टीम की संवेदनशीलता और तत्परता के कारण मुबारक खां और उनके परिवार को प्रताड़ना से मुक्ति मिली और वे अपने जीवन को पुनः सामान्य रूप से जीने की ओर बढ़ सके।