Saturday, April 19, 2025
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तहसीलदार से हाथापाई और बदसलूकी के मामले में टीआई सस्पेंड: प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के बीच बढ़ते तनाव, विभागीय जांच पर सवाल…

बिलासपुर: सरकंडा थाने में हाल ही में घटित एक घटना ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आपसी टकराव और तनाव को उजागर किया है। इस मामले में बस्तर के करपावंड तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा और सरकंडा थाने के थाना प्रभारी (टीआई) तोप सिंह नवरंग के बीच हुई कथित हाथापाई और बदसलूकी के बाद पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि टीआई द्वारा तहसीलदार के साथ किए गए दुर्व्यवहार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि थाने में टीआई द्वारा तहसीलदार के साथ धक्का-मुक्की की जा रही है। इस घटना के सार्वजनिक होने के बाद पुलिस महानिरीक्षक (IG) संजीव शुक्ला ने तत्काल एक्शन लेते हुए टीआई तोप सिंह नवरंग को सस्पेंड कर दिया।

इस घटना के बाद मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन तहसीलदार संघ और राजस्व अधिकारियों ने इस जांच में पारदर्शिता की कमी को लेकर सवाल उठाए हैं। तहसीलदार संघ ने मांग की है कि इस जांच में राजस्व अधिकारियों की भी भागीदारी होनी चाहिए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

इस घटना के बाद प्रदेशभर के तहसीलदार और कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एकजुट होकर करपावंड तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा के समर्थन में उतर आए हैं। तहसीलदार संघ ने इस मामले में राज्यव्यापी पेन डाउन आंदोलन का आह्वान किया है। इसके तहत सभी तहसीलदार और प्रशासनिक अधिकारी अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

विरोध के तौर पर तहसीलदार संघ ने बिलासपुर में रैली निकालने का निर्णय लिया है। यह रैली दोपहर 3:30 बजे कलेक्टोरेट तक जाएगी, जहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस आंदोलन के तहत बिलासपुर जिले की 11 तहसीलों में पूरी तरह से कामकाज बाधित रहेगा, जिससे आम जनता को भी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

बिलासपुर सहित पूरे राज्य की तहसीलों में कामकाज ठप हो गया है, खासकर जमीन से जुड़े मामलों में पूरी तरह से बाधा आ गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से प्रशासनिक अधिकारियों का मनोबल गिरा है और इससे सरकारी कामकाज पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

इस घटना ने प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के बीच बढ़ते तनाव को और गहरा कर दिया है। दोनों विभागों के बीच इस तरह के विवाद न केवल आपसी कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि इससे आम जनता की समस्याओं का समाधान भी प्रभावित होता है।

यह मामला राज्य के कानून व्यवस्था और प्रशासनिक ढांचे में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों और अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल बना रहे।

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