छत्तीसगढ़ में बाहरी प्रदेशों से अवैध रूप से शराब लाकर बेचना और पिलाना न केवल राज्य के आबकारी कोष को नुकसान पहुँचा रहा है, बल्कि यह स्थिति छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। राज्य के विभिन्न शहरों और जिलों में, खासकर प्रमुख मधुशालाओं में बाहरी प्रदेशों की शराब परोसी जा रही है, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग की ओर से राज्य के हर जिले में फ्लाइंग स्क्वाड और आबकारी विभाग की टीमें तैनात की गई हैं। हर शहर और जिले में विभिन्न सर्किल इंस्पेक्टर और अधिकारी कार्यरत हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य अवैध शराब के व्यापार पर निगरानी रखना है। इसके अलावा, पुलिस विभाग भी समय-समय पर अवैध शराब के खिलाफ कार्यवाही करता है। बावजूद इसके, बाहरी प्रदेशों से शराब की तस्करी और इसकी अवैध बिक्री को रोकने में यह व्यवस्था विफल नजर आ रही है।
हाल ही में रायपुर से आई फ्लाइंग स्क्वाड टीम ने बिलासपुर में छापा मारकर अवैध शराब पकड़ी, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि बिलासपुर में तैनात फ्लाइंग स्क्वाड और आबकारी विभाग के अधिकारी आखिर क्या कर रहे थे। जब राज्य के प्रत्येक जिले में आबकारी विभाग की स्थानीय टीम तैनात है, तो फिर रायपुर से विशेष टीम बुलाने की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसका सीधा सा मतलब यही निकलता है कि बिलासपुर के अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर नहीं हैं या फिर किसी प्रकार का समझौता कर बैठे हैं।
यह स्थिति केवल बिलासपुर तक सीमित नहीं है। राज्य के अन्य शहरों और जिलों में भी ऐसी ही लापरवाही देखने को मिल रही है, जिससे राज्य के आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं।
मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पास आबकारी विभाग का प्रभार है, और विभाग के संचालन के लिए सीनियर सेक्रेटरी और डायरेक्टर जैसे उच्च पदों पर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। बावजूद इसके, विभाग में इस प्रकार की खामियां दिखना दर्शाता है कि या तो प्रशासनिक व्यवस्था में कोई गंभीर समस्या है या फिर इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
सरकार के लिए यह चिंता का विषय है कि अवैध शराब के व्यापार से न केवल राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि इससे समाज में भी अपराध और अव्यवस्था बढ़ रही है। अवैध शराब के कारण कई बार लोगों की जान भी चली जाती है, जिससे समाजिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।