छत्तीसगढ़ में अगले कुछ महीनों में नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति होने जा रही है, क्योंकि वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल 5 फरवरी को समाप्त हो रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने तीन संभावित अधिकारियों का पैनल यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) को भेजा है, जिनमें अरुण देव गौतम, पवन देव, और हिमांशु गुप्ता का नाम शामिल है। ये तीनों अधिकारी अपनी कार्यशैली और क्षमता के लिए जाने जाते हैं, और अब यह देखना बाकी है कि इनमें से किस पर मुहर लगाई जाती है।
अशोक जुनेजा का कार्यकाल जुलाई 2024 में खत्म होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके रिटायरमेंट से पहले उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन दिया था, जिससे वे अब 5 फरवरी 2024 तक अपने पद पर बने रहेंगे। इस एक्सटेंशन के पहले ही नए डीजीपी के रूप में अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता के नामों पर चर्चा थी, लेकिन समय के साथ परिस्थितियां बदल गईं। अब जबकि अशोक जुनेजा का एक्सटेंशन समाप्त हो रहा है, नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन ने तेज़ी दिखानी शुरू कर दी है।
संभावित उम्मीदवारों की सूची
राज्य सरकार ने जिन तीन नामों का पैनल यूपीएससी को भेजा है, उनमें 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी पवन देव और अरुण देव गौतम, तथा 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। यह पैनल पांच अधिकारियों का था, जिसमें एसआरपी कल्लूरी और प्रदीप गुप्ता के नाम भी थे, लेकिन यूपीएससी को भेजे गए अंतिम पैनल में केवल तीन ही नाम शामिल किए गए हैं।
1. पवन देव:
पवन देव इस दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। एक पुराने केस के चलते उनका प्रमोशन रोक दिया गया था, लेकिन अक्टूबर 2023 में उन्हें क्लीन चिट मिल गई और उनके खिलाफ चल रही जांच की फाइल बंद कर दी गई। इसके बाद से पवन देव नए डीजीपी की दौड़ में एक प्रबल उम्मीदवार बनकर उभरे हैं। उनकी कार्यशैली और अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
2. अरुण देव गौतम:
अरुण देव गौतम 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उनका नाम पहले से ही डीजीपी पद के लिए चर्चा में था। वह अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। जुलाई 2023 में प्रमोशन के बाद उनका नाम भी डीजीपी की दौड़ में शामिल हो गया था।
3. हिमांशु गुप्ता:
हिमांशु गुप्ता 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने पुलिस विभाग में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उनके कुशल नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमताओं के चलते उन्हें भी इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार माना जा रहा है।
अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा
अशोक जुनेजा के कार्यकाल के समाप्त होने से पहले इन तीन उम्मीदवारों में से एक का नाम घोषित किया जाएगा। हालांकि, पवन देव का नाम वर्तमान में सबसे आगे है, परंतु यह तय करना यूपीएससी और राज्य सरकार की संयुक्त प्रक्रिया पर निर्भर करेगा।
छत्तीसगढ़ के पुलिस विभाग के लिए यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था और सुरक्षा को भी प्रभावित करेगा। नए डीजीपी की नियुक्ति से राज्य में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में नई दिशा मिल सकती है।
छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। पवन देव, अरुण देव गौतम, और हिमांशु गुप्ता में से किसी एक का नाम घोषित किया जाएगा, और यह तय करेगा कि छत्तीसगढ़ की पुलिस व्यवस्था की कमान किसके हाथ में होगी।