छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पुलिस द्वारा नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें न केवल तस्करों की गिरफ्तारी की गई, बल्कि उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को भी जब्त किया गया है। यह कार्रवाई NDPS अधिनियम 1985 के अध्याय VA धारा 68F के तहत की गई, जो नशीले पदार्थों से अर्जित संपत्तियों की जब्ती की अनुमति देता है। इस प्रक्रिया के तहत END-TO-END एवं FINANCIAL INVESTIGATION की गई, जिससे तस्करों की अवैध संपत्ति का पता लगाया गया और उसे जब्त कर लिया गया।
बिलासपुर के मिनी बस्ती इलाके की नशा तस्कर सरगना, गिन्नी जांगडे उर्फ गोदावरी, के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की गई। गिन्नी और उसके सहयोगियों पर नशे के व्यापार से करोड़ों रुपये कमाने और अवैध संपत्तियों में निवेश करने का आरोप है। पुलिस ने उसकी 35 लाख से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली, जिसमें अमेरी हाफा रोड पर स्थित एक फ्लैट और सकरी हाफा रोड में खरीदी गई 1785 वर्गफुट की भूमि शामिल है। इसके अलावा, गिन्नी द्वारा आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस में 2 लाख की बीमा पॉलिसी भी खरीदी गई थी, जिसे नशीली दवाओं से कमाई गई अवैध धन से खरीदा गया माना जा रहा है।
केस की शुरुआत और गिरफ्तारी
इस मामले की शुरुआत 21 अक्टूबर 2024 को हुई, जब पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर सृष्टि कुर्रे को 150 नग नशीले इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि सृष्टि, गिन्नी जांगडे के साथ मिलकर नशीली दवाइयों का कारोबार करती थी। इसके बाद गिन्नी को भी गिरफ्तार किया गया, जिसने रायपुर के राजधानी मेडिकल और रवि इंटरप्राइजेज से नशीली दवाइयां खरीदने की बात कबूली।
FINANCIAL INVESTIGATION का महत्व
इस मामले में सिर्फ तस्करी की जांच तक सीमित न रहकर, पुलिस ने वित्तीय जांच के तहत आरोपियों के बैंक खातों, संपत्तियों और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की गहराई से जांच की। गिन्नी के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन पाया गया, लेकिन इसका कोई वैध आय स्रोत नहीं मिला। यह भी पता चला कि उसने नशीले पदार्थों की बिक्री से अर्जित धन से जमीन और फ्लैट खरीदे थे। इसके चलते NDPS एक्ट के तहत उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि गिन्नी के अलावा अन्य आरोपियों की भी चल-अचल संपत्तियों की जानकारी एकत्रित की जा रही है और जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला केवल नशा तस्करी का नहीं, बल्कि इसके जरिए अर्जित धन और उससे बनाई गई संपत्तियों के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई का उदाहरण है।
सरकार की मुहिम का हिस्सा
यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नशीले पदार्थों की अवैध गतिविधियों को समाप्त करने के आह्वान के तहत की गई है। इस अभियान के तहत NDPS एक्ट के मामलों में हर पहलू की गहन जांच की जा रही है, ताकि नशे के अवैध कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके और इससे अर्जित संपत्तियों को जब्त कर अपराधियों को वित्तीय रूप से कमजोर किया जा सके।
पुलिस की विशेष टीम की सराहनीय भूमिका
इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देशन में काम कर रही विशेष टीम ने अहम भूमिका निभाई। टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार जायसवाल और अनुज कुमार कर रहे थे, जबकि नगर पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रमोद साबद्रा और निमितेश सिंह ने भी इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
बिलासपुर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल नशा तस्करों पर सीधा हमला है, बल्कि उनके द्वारा अवैध तरीके से अर्जित संपत्तियों को भी जब्त करके उन्हें वित्तीय रूप से कमजोर करने का एक अहम कदम है। इससे यह संदेश जाता है कि नशीले पदार्थों के व्यापार से न केवल कानून का सामना करना होगा, बल्कि उसकी कमाई से बनाई गई संपत्तियां भी सुरक्षित नहीं रहेंगी।