बिलासपुर, 13 दिसम्बर 2024 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में आरक्षण की महत्वपूर्ण प्रक्रिया आगामी 17 और 19 दिसम्बर 2024 को आयोजित की जाएगी। इस संदर्भ में कलेक्टर अवनीश शरण ने आवश्यक निर्देश जारी किए हैं और विभिन्न अधिकारियों की नियुक्ति करते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यह आरक्षण प्रक्रिया पंचायतों के विभिन्न पदों के लिए आरक्षित श्रेणियों का निर्धारण करने के उद्देश्य से की जा रही है, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), और महिलाओं के लिए पद आरक्षित होंगे।
पंच, सरपंच और जनपद सदस्यों के पदों का आरक्षण
17 दिसम्बर को सुबह 10:30 बजे से अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालयों में वार्ड पंच, सरपंच और जनपद पंचायत सदस्य के पदों का आरक्षण किया जाएगा। यह प्रक्रिया बिल्हा, मस्तुरी, कोटा और तखतपुर के जनपद पंचायत कार्यालयों में आयोजित की जाएगी। इस दौरान विभिन्न श्रेणियों के लिए नियमानुसार आरक्षण किया जाएगा ताकि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य पदों का आरक्षण
19 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में जनपद पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य के पदों का आरक्षण किया जाएगा। इस दिन उच्च स्तर के पदों का आरक्षण निर्धारित किया जाएगा, जिसमें जनपद पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य शामिल होंगे।
अधिकारियों की नियुक्ति और प्रक्रिया
आरक्षण की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने कई महत्वपूर्ण अधिकारियों की नियुक्ति की है। जिला पंचायत सदस्यों और जनपद पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण के लिए अपर कलेक्टर शिवकुमार बनर्जी को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि अनुविभागीय अधिकारी पीयूष तिवारी, उप संचालक पंचायत शिवानी सिंह, और जिला अंकेक्षक एके धिरही उन्हें सहयोग करेंगे। इसी प्रकार, सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अपने-अपने अनुविभागों में आरक्षण प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए प्रभारी अधिकारी बनाए गए हैं, जिन्हें तहसीलदार और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सहयोग देंगे।
समावेशिता और सामाजिक न्याय की दिशा में कदम
आरक्षण की यह प्रक्रिया न केवल प्रशासनिक आवश्यकता है, बल्कि यह स्थानीय शासन में सामाजिक समावेशिता को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें यह सुनिश्चित करती हैं कि समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। यह प्रक्रिया ग्रामीण लोकतंत्र को सशक्त बनाने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बिलासपुर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं की यह आरक्षण प्रक्रिया पंचायत चुनावों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित करेगी कि स्थानीय स्तर पर सत्ता में विविधता और समावेशिता का समुचित प्रतिनिधित्व हो।