रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को सड़क निर्माण घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। डिप्टी मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने दंतेवाड़ा जिले में हुए सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी के मामले में पांच अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की। साथ ही ठेकेदार से वसूली और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दिया।
मामला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत नहीं, बल्कि जिला निर्माण समिति के विशेष केंद्रीय सहायता मद से संबंधित है। इसमें कोरकोटी से हेल्थ सेंटर तक 7 किलोमीटर लंबी बी.टी. सड़क का निर्माण किया गया था। शिकायत मिलने पर कलेक्टर दंतेवाड़ा ने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की। भौतिक सत्यापन में अर्थवर्क, जीएसबी, डामरीकरण, डब्ल्यूबीएम, सोल्डर कार्य, पुलिया और रिटेनिंग वॉल में अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
सदन में हंगामा
यह मुद्दा बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के दौरान उठाया। उन्होंने ठेकेदार द्वारा किए गए काम, उसके भुगतान और अनियमितताओं के बारे में जानकारी मांगी। मंत्री विजय शर्मा ने जवाब में स्वीकार किया कि अनियमितताएं पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
किस पर हुई कार्रवाई?
मंत्री ने सदन को बताया कि मामले में पांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच और निलंबन की प्रक्रिया की गई है:
- – ईई अनिल राठौर: सेवानिवृत्त होने के बावजूद जांच जारी।
- – कार्यपालन अभियंता दामोदर सिंह सिदार: निलंबित और विभागीय जांच के आदेश।
- – एसडीओ तारेश्वर दिवान: निलंबित और जांच के आदेश।
- – सहायक अभियंता आरबी पटेल: निलंबित और जांच जारी।
- – रविकांत सारथी (उप अभियंता): पहले से निलंबित।
- – एक अन्य उप अभियंता का निधन हो चुका है।
ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई
मंत्री ने ठेकेदार पर भी वसूली और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भुगतान लागत दर से कम हुआ है, लेकिन अनियमितताओं की वजह से सख्त कार्रवाई जरूरी है।
विपक्ष का तीखा हमला
अजय चंद्राकर ने सरकार पर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप लगाते हुए मामले को गंभीर बताया। उन्होंने ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत का मुद्दा उठाया। वहीं, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आरोपों का पलटवार करते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।
सदन में तीखी बहस और स्पीकर का हस्तक्षेप
दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस के बाद सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए सदस्यों को संयमित भाषा में बोलने की सलाह दी।
दंतेवाड़ा सड़क निर्माण घोटाले ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रशासनिक ढांचे और विकास कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, डिप्टी सीएम द्वारा त्वरित कार्रवाई और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने से यह संकेत मिलता है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। लेकिन विपक्ष इसे चुनावी साल में भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बनाने के मूड में है। आगे की जांच और कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।