भारत, एक ऐसा देश जिसकी पहचान उसकी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और आध्यात्मिकता में रची-बसी है, हमेशा से ही अपने नागरिकों और प्रवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। सदियों से भारतीय प्रवासी अपने मूल्यों, परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के कोने-कोने तक ले गए हैं। इसी धरोहर को जीवंत बनाए रखने और प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए भारत सरकार ने एक अभिनव पहल की शुरुआत की है – “प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस”।
यह केवल एक ट्रेन नहीं है, बल्कि भारतीय प्रवासी समुदाय और उनके मूल देश के बीच के गहरे रिश्ते का प्रतीक है। विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा शुरू की गई यह सेवा, भारतीय इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता की गहराई में उतरने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।
प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस: एक अद्भुत अवधारणा
“प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” विदेश मंत्रालय द्वारा शुरू की गई योजनाओं “स्पेशल नो इंडिया प्रोग्राम (SKIP)” और “प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना (PTDY)” का हिस्सा है। इसका उद्देश्य भारतीय प्रवासी समुदाय को उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों से जोड़ना है। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि भावनात्मक पुनर्संयोजन का माध्यम है, जहां प्रतिभागी अपने पूर्वजों के पदचिन्हों पर चलते हुए भारत के प्राचीन गौरव और आधुनिक प्रगति का अनुभव कर सकते हैं।
यात्रा के लिए प्रतिभागियों का चयन विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए मानदंडों के आधार पर किया जाता है। हर समूह में 40 प्रतिभागियों को शामिल किया जाता है और उन्हें एक भव्य डीलक्स ट्रेन “भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन” में यह विशेष यात्रा कराई जाती है।
चलती हुई महलनुमा ट्रेन: भारत गौरव डीलक्स टूरिस्ट ट्रेन
“भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन” भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली एक शानदार सुविधा है। इस ट्रेन में 14 आधुनिक डिब्बे हैं, जो पारंपरिक भारतीय आतिथ्य और आधुनिक सुविधाओं का अनूठा मिश्रण हैं।
- डिब्बों की व्यवस्था:
- प्रथम एसी (4 डिब्बे): अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित।
- द्वितीय एसी (2 डिब्बे): शांति और आरामदायक माहौल।
- तृतीय एसी (3 डिब्बे): किफायती और आरामदायक।
- भोजनालय और रसोईघर:
- दो भव्य भोजनालय, जहां प्रतिभागी विभिन्न प्रकार के भारतीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजन का आनंद ले सकते हैं।
- एक विशेष रसोईघर, जो उच्च गुणवत्ता वाले भोजन की तैयारी सुनिश्चित करता है।
- अन्य सुविधाएं:
- यात्रा के दौरान बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर कारें।
- सफर के दौरान मनोरंजन और आराम का विशेष ध्यान।
पहली यात्रा: एक ऐतिहासिक पहल
“प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” की पहली यात्रा 9 जनवरी 2025 को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, दिल्ली से शुरू हुई। इस यात्रा में 27 देशों से आए 150 प्रवासी भारतीयों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने दिल्ली में ऐतिहासिक स्थलों जैसे लाल किला, कुतुब मीनार और लोटस टेम्पल का दौरा किया।
भारत की आत्मा को छूता यात्रा कार्यक्रम
यह 15-दिन की यात्रा भारत के छह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को कवर करती है। इसके प्रमुख गंतव्यों में सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं:
- दिल्ली: राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट और लोटस टेम्पल।
- अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और सरयू आरती।
- वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा आरती।
- पटना: बुद्ध स्मृति पार्क और पटनासाहिब गुरुद्वारा।
- बोधगया: महाबोधि मंदिर।
- चेन्नई और महाबलीपुरम: द्रविड़ वास्तुकला।
- रामेश्वरम: रामनाथस्वामी मंदिर।
- मदुरै: मीनाक्षी अम्मन मंदिर।
- कोच्चि: फोर्ट कोच्चि।
- गोवा: बासिलिका ऑफ बॉम जीसस।
- केवड़िया: “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी”।
- अजमेर और पुष्कर: दरगाह शरीफ और पुष्कर झील।
- आगरा: विश्व प्रसिद्ध ताजमहल।
महत्व और प्रभाव
“प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” केवल एक यात्रा नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और विरासत का उत्सव है। यह पहल प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ भारत के समृद्ध इतिहास और परंपराओं को वैश्विक स्तर पर पुनर्जीवित करने का माध्यम है। विदेश मंत्रालय और IRCTC के सहयोग से शुरू की गई यह परियोजना भारतीयता की अद्वितीयता को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का प्रयास है।
यह यात्रा न केवल प्रतिभागियों को भारत की विविधता और धरोहर से परिचित कराती है, बल्कि उन्हें अपनी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व महसूस करने का अवसर भी प्रदान करती है। “प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” एक नई शुरुआत है, जो भारतीयता के अदम्य गौरव को फिर से विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।