बिलासपुर, छत्तीसगढ़, आज गर्व से एक ऐसे परिवार का नाम लेता है, जिसने जागरूकता और मेहनत के दम पर न केवल अपनी एक वर्षीय बेटी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई, बल्कि शासन की योजनाओं का अद्भुत लाभ उठाने का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। इरज़ा कुरैशी, एक साल की यह नन्ही बच्ची, अपने माता-पिता अलफरहान और स्वालेहा कुरैशी की जागरूकता का परिणाम है, जिसने सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाकर यह साबित कर दिया कि सही जानकारी और इच्छाशक्ति से हर नागरिक को बेहतर अवसर मिल सकते हैं।
इरज़ा ने अपने जीवन के पहले वर्ष में ही कई ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज कर लीं। जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, सुकन्या समृद्धि योजना, और आंगनबाड़ी योजना जैसे कुल 42 प्रकार के पहचान पत्र और प्रमाण पत्र इस बच्ची के नाम पर जारी हो चुके हैं। यह एक ऐसा कीर्तिमान है, जिसे पहले कभी किसी ने नहीं देखा। इसके साथ ही, इरज़ा ने 27 प्रमाण पत्रों के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान
इरज़ा कुरैशी के नाम कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड दर्ज हैं। उन्होंने इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और अन्य प्रतिष्ठित रिकॉर्ड बुक्स में अपनी जगह बनाई है। इसके अतिरिक्त, उसने 1 मिनट में 102 बार जंपिंग कर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया।
योजनाओं का सफल उपयोग
इस अद्भुत कहानी का सबसे खास पहलू यह है कि इरज़ा के परिवार ने जागरूकता का परिचय देते हुए सरकार की सभी योजनाओं का सही समय पर उपयोग किया। अलफरहान और स्वालेहा ने यह साबित कर दिया कि यदि नागरिक जागरूक हों और योजनाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया समझें, तो शासन द्वारा प्रदान किए गए संसाधनों का पूरा उपयोग संभव है।
जागरूकता की प्रेरणा
इरज़ा के दादा फरीद कुरैशी और दादी आशिया कुरैशी का कहना है कि उनकी पोती की यह उपलब्धि परिवार की जागरूकता और शासन की योजनाओं का सही उपयोग करने का परिणाम है। उनका मानना है कि यदि हर नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों के साथ-साथ योजनाओं की जानकारी रखे, तो देश में जनकल्याण की योजनाओं का सही क्रियान्वयन संभव हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रेरणा
इरज़ा के नाम पर कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, प्रमाण पत्र, ट्रॉफी और मेडल प्राप्त हुए हैं। कलाम इंटरनेशनल और अन्य संस्थाओं से सम्मान पाना इरज़ा की असाधारण उपलब्धियों का प्रमाण है।
जागरूकता की मिसाल
इरज़ा कुरैशी की कहानी एक प्रेरणा है, जो दिखाती है कि जागरूकता और दृढ़ संकल्प से बड़ी से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। यह कहानी न केवल बिलासपुर, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। इरज़ा और उनके परिवार ने यह संदेश दिया है कि हर नागरिक को शासन की योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ उठाना चाहिए। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का काम करेगी।
इरज़ा का जीवन एक बार फिर हमें यह याद दिलाता है कि सही जानकारी और इच्छाशक्ति से हर बाधा को पार किया जा सकता है।