Saturday, March 8, 2025
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रामावैली कॉलोनी विवाद: समिति ने एनजीओ पर लगाए गंभीर आरोप, कहा मेंटेनेंस चार्ज नहीं देने के कारण मेंटेनेंस में आ रही दिक्कतें…

बिलासपुर की रामावैली कॉलोनी में आवासीय सहकारी समिति और एक एनजीओ (आरडब्लूएस) के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। मामला कॉलोनी के मेंटेनेंस चार्ज न चुकाने और समिति के कार्यों में हस्तक्षेप से जुड़ा है। हाल ही में समिति के पदाधिकारियों ने प्रेस क्लब में आयोजित एक बैठक में अपनी समस्याओं को सामने रखा और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की।

रामावैली आवासीय सहकारी समिति के अध्यक्ष नवीन राव, उपाध्यक्ष अनीता सतीश टहिलयानी, सचिव आशीष सिंह, कोषाध्यक्ष योगेश गुप्ता समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि कॉलोनी के कुछ निवासी और एनजीओ मेंटेनेंस चार्ज न चुकाने के लिए अन्य लोगों को भी भड़काते हैं। उनका आरोप है कि एनजीओ लगातार समिति के कार्यों में दखल दे रहा है और कॉलोनी को विवादों में घसीट रहा है।

समिति के अनुसार, कॉलोनी में हर महीने लगभग 6.5 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसमें कर्मचारियों का वेतन, बिजली बिल और अन्य रखरखाव शुल्क शामिल हैं। वर्तमान में 90% निवासी मेंटेनेंस शुल्क चुका रहे हैं, लेकिन लगभग 30 लोग अब भी इसका भुगतान नहीं कर रहे हैं, जिससे वित्तीय संकट उत्पन्न हो रहा है।

समिति के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने सहायक पंजीयक फर्म्स और संस्थाओं से कई बार शिकायत की, जिसके जवाब में 7 जून 2023 को एनजीओ को कॉलोनी के मेंटेनेंस कार्य में हस्तक्षेप न करने का निर्देश दिया गया था। बावजूद इसके, समिति का आरोप है कि एनजीओ लगातार अनावश्यक कानूनी प्रक्रियाओं में उलझा रहा है, जिससे कॉलोनी का रखरखाव प्रभावित हो रहा है।

समिति ने बताया कि शुल्क न चुकाने वालों को पहले तीन बार नोटिस भेजा गया। जब इन नोटिसों का कोई असर नहीं हुआ, तो ऐसे निवासियों के घरों से कचरा उठाने की सेवा रोक दी गई। इसके बावजूद, एनजीओ ने समिति के खिलाफ माहौल बनाना जारी रखा, जिससे कॉलोनी के अन्य निवासी भी भ्रमित हो रहे हैं।

समिति के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि कॉलोनी को बचाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। उन्होंने अनुरोध किया कि एक अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो मामले की जांच कर सके और कॉलोनी में मेंटेनेंस कार्य को सुचारु रूप से चलाने में मदद करे। उनका कहना है कि एनजीओ को निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाए ताकि कॉलोनी के विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए।

रामावैली समिति के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बिल्डर अब कॉलोनी के कार्यों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस कार्य 1 नवंबर 2022 से समिति के द्वारा ही किया जा रहा है, और सभी वित्तीय रिकॉर्ड भी पारदर्शी रूप से रखे गए हैं। समिति के अनुसार, नगर पंचायत बोदरी की ओर से गलत जानकारी दी जा रही है कि बिल्डर ने कॉलोनी का हैंडओवर नहीं किया है, जबकि समिति के पास इसका प्रमाण पत्र मौजूद है।

समिति के अनुसार, रामावैली कॉलोनी में 450 परिवार निवासरत हैं और लगभग 965 लोगों की संपत्ति इस कॉलोनी में है। कॉलोनी की बेहतर देखरेख के लिए आवासीय सहकारी समिति बनाई गई, जिसे कानूनी रूप से पंजीकृत भी किया गया। समिति के गठन से पहले, कॉलोनी के निवासियों से उनकी राय ली गई, जिसमें बहुमत ने सहमति दी कि मेंटेनेंस का कार्य सहकारी समिति द्वारा ही किया जाए।

इसके बावजूद, समिति का कहना है कि एनजीओ ने पंजीयन को रुकवाने के लिए आपत्ति दर्ज कराई थी। हालांकि, सभी कानूनी प्रक्रियाओं के बाद समिति को विधिवत रूप से पंजीकरण मिल गया।

रामावैली कॉलोनी में मेंटेनेंस चार्ज को लेकर चल रहा विवाद गंभीर रूप लेता जा रहा है। समिति का दावा है कि वह पूरी पारदर्शिता से कॉलोनी का रखरखाव कर रही है, लेकिन एनजीओ की भूमिका ने स्थिति को जटिल बना दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और कैसे कॉलोनी में शांति बहाल की जाती है।

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