बिलासपुर/मुंगेली। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग में स्थित मुंगेली जिले के रामबोड़ इलाके में बासुदेव स्पंज आयरन प्लांट में सोमवार को एक गंभीर हादसा हो गया। मेंटनेंस कार्य के दौरान दो श्रमिक ऊंचाई से गरम डस्ट में गिर गए, जिससे दोनों गंभीर रूप से झुलस गए हैं। उन्हें तत्काल बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब प्लांट में कार्यरत फ़ीटर पंकज निषाद और ठेकेदार संजय सिंह मेंटनेंस के लिए शेड पर चढ़े हुए थे। इसी दौरान अचानक संतुलन बिगड़ने से दोनों नीचे गरम डस्ट के ढेर में जा गिरे। दोनों को आनन-फानन में प्लांट से बाहर निकालकर एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया।
सुरक्षा उपकरण नहीं थे मौजूद!
हादसे के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, वे और भी चौंकाने वाले हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और प्लांट कर्मचारियों के अनुसार, दोनों मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण या सुरक्षा बेल्ट के ऊंचाई पर भेजा गया था। यह लापरवाही सवाल खड़े करती है कि आखिर प्लांट प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया? क्या मानव जीवन की कीमत ठेकेदारी और लापरवाही से कम आंकी जा रही है?
प्लांट प्रबंधन पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों में इस हादसे को लेकर भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि बासुदेव स्पंज आयरन प्लांट में पहले भी सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाहियां देखने को मिलती रही हैं, लेकिन प्रबंधन की ओर से इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन भी हरकत में आया है और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
फिलहाल इस मामले में प्लांट प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वहीं, सिम्स अस्पताल में भर्ती दोनों घायल कर्मियों का इलाज जारी है। चिकित्सकों के अनुसार, दोनों की हालत गंभीर है और उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है।
मांग: हो उच्चस्तरीय जांच
हादसे के बाद मजदूर संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं।