बिलासपुर, 11 जुलाई 2025
पुलिस ने सूदखोरी के मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकंडा थाना क्षेत्र के ग्राम परसाही निवासी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो बिना किसी वैध लाइसेंस के ब्याज पर रकम देकर क्षेत्र के लोगों को प्रताड़ित कर रहा था। आरोपी महेश कुमार डहरिया (उम्र 42 वर्ष) लोगों से मोटरसाइकिल और दस्तावेज गिरवी रखवाकर उन्हें लगातार डराता-धमकाता और वसूली करता था।
शिकायत से खुला फर्जी कर्ज व्यवसाय का राज
प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब प्रार्थी भागवत प्रसाद सूर्यवंशी, निवासी पंधी (थाना सीपत) ने सरकंडा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि पैसों की तंगी के चलते वह आरोपी महेश डहरिया के पास गया, जिसने 5% मासिक ब्याज की शर्त पर उधार देने की बात कही। इसके एवज में प्रार्थी को अपनी होंडा लियो मोटरसाइकिल (CG 10 AY 8098) गिरवी रखनी पड़ी।
एक माह पूरा होने से पहले ही आरोपी ने न केवल ब्याज मांगा, बल्कि वाहन के मूल दस्तावेज भी हड़प लिए। विरोध करने पर आरोपी ने धमकाते हुए कहा कि “अगर नहीं दिए तो गाड़ी डूब जाएगी” और मारपीट की धमकी देने लगा।
तलाशी में खुला बड़ा जखीरा
प्रार्थी की शिकायत पर जब पुलिस ने गहराई से जांच की तो खुलासा हुआ कि महेश डहरिया ने क्षेत्र के कई अन्य लोगों की मोटरसाइकिलें भी ब्याज पर रकम देकर अपने पास गिरवी रखी हैं।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर अति. पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल और नगर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बघेल के मार्गदर्शन में सरकंडा थाना प्रभारी निरीक्षक निलेश पाण्डेय के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
टीम ने आरोपी को परसाही स्थित उसके निवास से हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसके पास किसी प्रकार का वैध कर्ज लाइसेंस नहीं है और वह लंबे समय से आसपास के लोगों को ब्याज पर रकम देकर उनके वाहन और दस्तावेज गिरवी रखता रहा है।
19 मोटरसाइकिलें जब्त, आरोपी न्यायिक रिमांड पर
पुलिस ने आरोपी के बाड़ी में दबिश देकर प्रार्थी की बाइक सहित कुल 19 मोटरसाइकिलें बरामद कीं, जिन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त किया गया। आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 308(5) एवं छत्तीसगढ़ कर्जा एक्ट की धारा 3, 4 के तहत मामला दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।
टीम का रहा सराहनीय योगदान
इस पूरी कार्रवाई में निरीक्षक निलेश पाण्डेय, सहायक उपनिरीक्षक शैलेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक बलवीर सिंह, प्रमोद सिंह, संजीव जांगड़े, विवेक राय, सत्य कुमार पाटले, विकास यादव और अन्य पुलिसकर्मियों का उल्लेखनीय योगदान रहा।