रायपुर, 11 जुलाई 2025।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2025 के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक के लागू होने से राज्य में भूमि से जुड़े कई प्रशासनिक व कानूनी कार्य आसान हो सकेंगे।
विधेयक के तहत नक्शों के बंटवारे और भू-अभिलेखों के अद्यतन में पारदर्शिता और गति आने की उम्मीद है। जियो-रेफरेंस मैपिंग की अनिवार्यता से अवैध प्लाटिंग पर प्रभावी रोक लगेगी और भविष्य में भूमि से जुड़े कानूनी विवादों में भी कमी आने की संभावना है।
कैबिनेट द्वारा अनुमोदित संशोधन के अनुसार अब भूमि धारक की मृत्यु के बाद नामांतरण की प्रक्रिया अधिक सरल होगी। संयुक्त खाताधारक और वैध वारिस अब बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के सीधे नामांतरण करवा सकेंगे। यह बदलाव ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जमीन संबंधी कार्यों को अधिक सुगम बनाएगा।
इसके अलावा भवन या भूखंड का हस्तांतरण भी अब भूमि के अनुपात में किया जा सकेगा, जिससे प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन और रजिस्ट्री प्रक्रिया में सहजता आएगी। इससे न केवल आम नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट और विकास परियोजनाओं की रफ्तार भी बढ़ेगी।
औद्योगिक नीति, आवास योजना और नगरीय विकास की प्रक्रियाएं भी इस संशोधन से प्रभावित होंगी। संशोधन से संबंधित विभागों को डेटा का बेहतर एकीकरण करने में मदद मिलेगी और नई योजनाएं तेजी से अमल में लाई जा सकेंगी।
राज्य सरकार का मानना है कि यह संशोधन डिजिटल भूमि प्रबंधन को मजबूती देगा और छत्तीसगढ़ को भू-प्रशासन में एक नया मॉडल राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।