बिलासपुर, 3 अगस्त 2025।
नगर निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई के तहत कोनी बिरकोना क्षेत्र में हुई अवैध प्लाटिंग की जांच में कांग्रेस नेता त्रिलोक चंद्र श्रीवास का नाम सामने आने के बाद पूरे शहर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीवास ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है कि यह कार्यवाही उनकी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से की गई है।
त्रिलोक श्रीवास ने सख्त लहजे में कहा, “मैं या मेरे परिजनों ने न कभी अवैध प्लाटिंग की है, न ही शासकीय भूमि पर कब्जा किया है। अगर नगर निगम यह साबित कर दे कि मैंने कोई अवैध कार्य किया है, तो मैं हर प्रकार की सजा भुगतने को तैयार हूं।”
उन्होंने बताया कि कोनी के महल नंबर 2 स्थित खसरा नंबर 147/3 और 172 में शासकीय भूमि पर अवैध प्लाटिंग का मामला वर्षों से उनकी ओर से उठाया जा रहा है। उक्त मामले में लगभग एक एकड़ शासकीय जमीन को 32 टुकड़ों में विभाजित कर कब्जा कर लिया गया है, जिसकी शिकायतें वे लगातार करते आ रहे हैं। बावजूद इसके, दोषियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विवाद का मूल केंद्र खसरा नंबर 17 भी बना है, जिसे लेकर त्रिलोक श्रीवास ने स्पष्ट किया कि यह भूमि मूलतः के.सी. पांडे और उनके भाइयों की है, और इसका कुछ हिस्सा उन्होंने वैध रूप से उमेश शुक्ला से तबादला किया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस जमीन पर न तो कोई रोड, नाली, बाउंड्री वॉल बनाई गई है, और न ही कोई अवैध प्लाटिंग की गई है। केवल पारिवारिक आवश्यकताओं के तहत कुछ हिस्सों का वैध रूप से लेन-देन किया गया।
श्रीवास ने प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन वास्तविक अवैध कब्जाधारियों ने शासकीय भूमि पर 32 टुकड़े कर नामांतरण करा लिया, उनके खिलाफ आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उल्टे, जनहित में आवाज उठाने वाले उनके जैसे लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम द्वारा उनके खिलाफ कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है और ना ही उनके नाम की कोई अवैध प्लाटिंग के दस्तावेज प्रशासन के पास हैं। श्रीवास ने इसे “राजनीतिक षड्यंत्र” करार देते हुए कहा, “जनहित के मुद्दों को उठाने की सजा मुझे दी जा रही है, लेकिन मैं न तो डरूंगा, न झुकूंगा। मेरी लड़ाई सच्चाई के लिए थी, है और रहेगी।”
अंत में उन्होंने विश्वास जताया कि सत्य की जीत होगी और वे अपने विरोधियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचा कर रहेंगे। उनका कहना है कि जिन लोगों ने अवैध काम किया है, उनका “मुंह काला” होगा, जबकि वे पहले की तरह जनहित के मुद्दों को उठाते रहेंगे।