बिलासपुर, 28 नवंबर 2025।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक शुक्रवार को बिलासपुर जिले के जिला पंचायत भवन पहुंचीं, जहां उन्होंने महिला उत्पीड़न से संबंधित 22 प्रकरणों पर जनसुनवाई की। यह जनसुनवाई प्रदेश स्तर पर आयोजित 355वीं और बिलासपुर जिले की 22वीं सुनवाई रही, जिसमें विभिन्न प्रकार की शिकायतें, घरेलू हिंसा, प्रताड़ना और पारिवारिक विवादों पर पीड़ित महिलाओं की बातों को विस्तार से सुना गया।
जनसुनवाई के दौरान आयोग की अध्यक्ष ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए और कई मामलों में तत्काल समाधान के लिए पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि आयोग का उद्देश्य पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय और संवैधानिक संरक्षण उपलब्ध कराना है।
जनसुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत में एक पत्रकार ने सवाल किया कि आप लगभग छह वर्षों से महिला आयोग की अध्यक्ष हैं—क्या इस दौरान आपको लगा कि महिला आयोग की तर्ज पर पुरुष आयोग भी गठित होना चाहिए?
इस पर डॉ. किरणमयी नायक ने कहा—
“देखिए, सवाल राजनीतिक भी हो सकता है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि पुरुष आयोग भी बनना चाहिए। समाज में महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों से जुड़े कई मुद्दे भी सामने आते हैं, जिनके लिए एक समर्पित मंच होना चाहिए।”
उनके इस बयान ने चर्चा को नया मोड़ दे दिया है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में अब तक पुरुष आयोग की मांग कभी सीधे तौर पर इस स्तर पर नहीं उठाई गई थी।
अध्यक्ष ने बताया कि आयोग लगातार जिलों में जाकर जनसुनवाई कर रहा है, ताकि पीड़ित महिलाओं को दूर-दराज से राजधानी तक न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ परिवारिक संतुलन बनाए रखना भी आयोग की प्राथमिकता है।
जनसुनवाई के दौरान कुछ मामलों में अधिकारियों की लापरवाही सामने आने पर अध्यक्ष ने नाराजगी भी जताई और कहा कि महिला उत्पीड़न के मामलों में देरी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए।


