दंतेवाड़ा जिले में नक्सल मोर्चे पर तैनात हैं महिला अधिकारी दिनेश्वरी
जब बेटी डीएसपी के लिए हुई चयनित, तब पिता का भी इसी पद पर हुआ प्रमोशन
दंतेवाड़ा. बेटियां बेटों से कम नहीं यह बात दिनेश्वरी और उनके पिता किस्मत लाल के बीच का रिश्ता सच साबित करता है। दिनेश्वरी अब उसी क्षेत्र की डीएसपी हैं, जहां कभी उनके पिता थाना प्रभारी हुआ करते थे। दंतेवाड़ा जिले में पदस्थ दिनेश्वरी पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा भी बनाया गया है। रिटायरमेंट से कुछ वक्त पहले किस्मत लाल का भी प्रमोशन डीएसपी पद पर हुआ था। उसी समय दिनेश्वरी भी डीएसपी नियुक्त की गईं थीं।
पिता-बेटी की इस जोड़ी ने साथ ली ट्रेनिंग
1. किस्मत लाल कहते हैं कि मेरे लिए सबसे अनमोल दिन थे जब दिनेश्वरी और मैंने साथ ट्रेनिंग ली थी। बेटी ने गर्व से मेरा सीना चौड़ा कर दिया। उसने मेरे सपने को अपना सपना बनाया। मैं जिस पद से रिटायर हुआ, उसी पद से नौकरी की शुरुआत बेटी ने की, ऐसा सौभाग्य बहुत ही कम लोगों को मिलता है। दिनेश्वरी कहती हैं कि पिता को देखकर मैंने भी पुलिस अफसर बनने का सपना पाल लिया था। अच्छा लगता है आज उसी इलाके में सेवा दे रही हूं जहां वो ड्यूटी करते थे।
2.दिनेश्वरी अब महिला डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड्स) की टीम दंतेश्वरी फाइटर्स की प्रभारी बनाई गईं हैं। यह टीम लॉ एंड ऑर्डर के साथ नक्सल मोर्चे पर काम करती है। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव कहते हैं कि काम के प्रति दिनेश्वरी का जुनून अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा हैं। यही उत्साह देख दिनेश्वरी के नेतृत्व में नक्सल मोर्चे के लिए महिलाओं की टीम बनाई गई है। पिता किस्मत लाल अब रिटायरमेंट के बाद राजनीतिक पारी शुरू कर चुके हैं। वह महासमुंद जिले के सरायपाली से कांग्रेस के विधायक हैं।