बिलासपुर। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष को अपना दांव ही उल्टा पड़ गया। कलेक्टर के आदेश पर जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार शाम को चेंबर के लगाए गए एक अतिरिक्त ताले को तोड़कर सीईओ को कब्जा दे दिया है। इधर, पूरी कार्रवाई के दौरान अध्यक्ष बैंक से नदारद रहे।
जिला सहकारी बैंक में सीईओ की कुर्सी को घमासान मचा हुआ है। कोर्ट से केस जीतकर अध्यक्ष के पद पर लौटे मुन्नालाल राजवाड़े तीन बार सीईओ अभिषेक तिवारी की जगह प्रभारी सीईओ बना चुके हैं। बीते सोमवार को एक आदेश जारी कर उन्होंने विकास गुरुद्वान को सीईओ को अतिरिक्त प्रभार दे दिया था। सीईओ अभिषेक तिवारी के चेंबर में ताले लगे होने पर उन्होंने उसके ऊपर में एक और ताला लगवा दिया था। मंगलवार को इसकी जानकारी होने पर सीईओ तिवारी सीधे कलेक्टर पी दयानंद के पास पहुंचे और लिखित में शिकायत की कि उनके चेंबर में बलपूर्वक ताला लगवा दिया गया है, जबकि उनका मामला अभी संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं के कोर्ट में विचाराधीन है। कलेक्टर ने बिलासपुर एसडीएम को टीम भेजकर ताला खुलवाने के निर्देश दिए। एसडीएम ने नायब तहसीलदार नारायण गभेल के नेतृत्व में टीम भेजी। टीम के साथ भारी संख्या में पुलिस के जवान भी थे। दोपहर तीन बजे टीम बैंक पहुंची और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अध्यक्ष द्वारा लगवाए गए ताले को तोड़वाया। इसके बाद सीईओ तिवारी को चेंबर का कब्जा दिया।
मामला कोर्ट में, प्रशासनिक कार्रवाई अवैध
उप पंजीयक दिलीप जायसवाल का कहना है कि वर्तमान सीईओ ने प्रभारी सीईओ की नियुक्ति के खिलाफ संयुक्त पंजीयक के कोर्ट में मामला दायर किया है। वर्तमान सीईओ को वहां से स्टे मिला हुआ है। जब तक न्यायालय से कोई फैसला नहीं आ जाता, तब तक किसी भी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई अवैध है। इसलिए वर्तमान में अभिषेक तिवारी ही सीईओ हैं। अध्यक्ष को अभी प्रभारी सीईओ नियुक्त करने का अधिकार ही नहीं है।
नियमानुसार कब्जा दिलाया गया है
नायब तहसीलदार नारायण गभेल का कहना है कि कलेक्टर के आदेश पर वे जिला सहकारी बैंक आए थे। यहां उन्होंने सीईओ चेंबर में लगे अतिरिक्त ताले को तोड़वाया और सीईओ तिवारी को नियमानुसार कब्जा दिलवा दिया है। प्रभारी सीईओ की नियुक्ति का मामला कोर्ट में लंबित है। इसलिए इस मामले में वे कुछ नहीं कह सकते। ताला लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सीईओ ने एसपी को पत्र लिखा है। यह पुलिस का मामला है।
मुझे कुछ नहीं कहना: राजवाड़े
सोमवार को अतिरिक्त ताला लगवाने और मंगलवार को प्रशासन की पूरी कार्रवाई के दौरान जिला सहकार बैंक से नदारद रहने के मामले में जब अध्यक्ष मुन्नालाल राजवाड़े से पूछा गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। वे अभी दूसरा काम कर रहे हैं।
मुझे स्टे मिला है
जिला सहकारी बैंक के सीईओ अभिषेक तिवारी ने कहा कि आज ही मुझे मेरे कक्ष में एक और ताला लगवाने की सूचना मिली तो मैं कलेक्टर के पास गया था। उन्हें मैंने वस्तुस्थिति से अवगत कराया। प्रशासन की टीम ने आकर ताला तोड़ा है। प्रभारी सीईओ की नियुक्ति का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और मुझे वहां से स्टे मिला हुआ है। इसलिए मैं ही सीईओ हूं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को कोई अधिकार ही नहीं है कि वह प्रभारी सीईओ की नियुक्ति करें।