बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में आज महापौर का चुनाव संपन्न् हुआ। मतदान के नतीजे आने के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस दोनों दल निगम में अपने महापौर बैठाने के लिए फुटबाल के खेल की तरह रणनीति बना रहे थे। क्रास वोटिंग से बचने के लिए दोनों ही दलों ने अंतिम समय तक महापौर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की थी। अंतिम समय में स्थितियां कुछ ऐसी बदली कि आखिरकार गेंद कांग्रेस के पाले में चली गई और रामशरण यादव को निर्विरोध नगर निगम का महापौर चुन लिया गया। चुनाव नतीजे आने के बाद 70 वार्ड वाले बिलासपुर नगर निगम में 38 सीटों पर कांग्रेस और 32 सीटों पर भाजपा के पार्षदों को जीत मिली थी।
इस तरह यहां कांग्रेस अपना महापौर बनाने के लिए मजबूत स्थिति में शुरूआत से ही दिख रही थी। भाजपा पार्षदों ने अंतिम दौर तक कोशिश की, लेकिन इसके बाद राजनीति ने स्वत: ही अपना रूख दिखाया और कांग्रेस के रामशरण यादव प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े नगर निगम के निर्विरोध महापौर चुन लिए गए।
रामशरण वार्ड क्र्रमांक 22 राजेंद्र नगर वार्ड से पार्षद बने हैं। तीसरी बार पार्षद चुने गए हैं। पिछले कार्यकाल में महापौर चुनाव में हार मिली थी। इससे पहले वे एमआईसी मेंबर भी रहे हैं। अभी करीब 800 मतों के अंतर से जीत मिली है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री बीआर यादव के करीबी माने जाते हैं।
निर्धारित समय तक एकल नामांकन दाखिल
लखीराम स्मृति सभागार में पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। जहां सुबह नौ बजे ही मंत्री रविंद्र चौबे पहुंच गए थे। बाद में कांग्रेसी पार्षदों का जत्था बस में सवार होकर पहुंचा। उनके पीछे भाजपा पार्षद भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद रणनीति बनाने पार्षद एक साथ रवाना एक होटल में पहुंचे थे।
जहां रामशरण के नाम पर सर्वानुमति बनी। और उन्होंने महापौर के लिए नामांकन भरा। निर्धारित समय दोपहर 12 बजे से 12.45 बजे तक एकल नामांकन दाखिल होने से रामशरण निर्विरोध महापौर घोषित किए गए।