कांग्रेस में यूपीए सरकार को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। पार्टी ने इस बारे में बयानबाज़ी कर रहे नेताओं को ट्विटर- ट्विटर नहीं खेलने की सलाह दी है, पर इसकी उम्मीद कम है कि पार्टी नेता इस पर अमल करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने और सचिन पायलट के बगावती तेवर अपनाने के बाद पार्टी को आत्म निरीक्षण की सलाह देने वाले कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने अब शेरो-शायरी निशाना साधा है।
दरअसल, पार्टी के कई नेता इस विवाद को खत्म करने के लिए उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं। सातव का निशाना उन्हीं पार्टी नेताओंकी तरफ है। राज्यसभा सांसद राजीव सातव ने ट्वीट कर कहा, “मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहां तक है, तू सितम कर ले, तेरी ताक़त जहां तक है, व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है।”
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दरअसल, राजीव सातव लगातार पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस में चल रहे विवाद को लेकर पार्टी चिंतित है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस तरह की बहस का अब कोई फायदा नहीं है। हमारे सामने काफी चुनौतियां हैं, पर हम छह साल की पीछे बहस कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि इसे नहीं रोका गया, तो इसके परिणाम बेहद खतरनाक होंगे।
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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सभी साथियों को ट्विटर-ट्विटर खेलने के बजाए मिलकर केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना चाहिए। बयानबाज़ी करने वाले नेताओं से पार्टी के अंदर अपनी बात रखने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि हम लोगो को जबरन रिटायर नहीं करते है। सुरजेवाला ने कहा देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे में हम सभी को मिलकर भाजपा के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए।