बिलासपुर। बिलासपुर रेंज के थानों में पदस्थ थानेदारों की मनमानी अब ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। आईजी रतनलाल डांगी रेंज के सभी थानेदारों की शिकायतों को लेकर कुंडली तैयार करा रहे हैं। जिस टीआई की ज्यादा शिकायतें मिलेंगी, उन्हें सजा भुगतनी पड़ेगी।
बिलासपुर रेंज का प्रभार संभालने के बाद आईजी डांगी ने जुआ, सट्टा और नशे के कारोबार पर लगाम लगाने को अपनी प्राथमिकता में लिया है। इसके लिए उन्होंने एक मोबाइल नंबर जारी किया है, जिसमें कोई भी किसी भी अपराध की सूचना दे सकता है। इस मोबाइल नंबर पर शिकायतें आनी भी शुरू हो गई हैं, जिस पर लगातार कार्रवाई जारी है। बिलासपुर में प्रभार संभालने के बाद से आईजी कार्यालय में संभागभर के किसी न किसी थाने के टीआई के खिलाफ शिकायतें रोजाना आ रही हैं। किसी को यह शिकायत रहती है कि उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। शिकायत लेकर उसे चलता कर दिया गया। कोई यह अर्जी लेकर आ रहा है कि सूदखोर तीन लाख रुपए के बदले नौ लाख रुपए वसूल चुका है। अब 16 लाख रुपए और मांग रहा है। वहां थानेदार से लेकर एसपी कार्यालय का चक्कर काटकर वह थक चुका है। कुछ लोग आईजी से यह गुहार भी लगा रहे हैं कि उनके यहां अवैध शराब की बिक्री जोरों पर है, लेकिन शिकायत करने के बाद भी संबंधित थानेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उल्टे शिकायतकर्ता को ही झूठे मामले में फंसाने की धमकी देता है। यानी कि सीधे शब्दों में कहें तो रेंज के थानेदार बेलगाम हो गए हैं और अपनी मनमानी चला रहे हैं। ऐसे थानेदारों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए आईजी डांगी ने एक नया प्लान बनाया है। इसके तहत वे कंप्यूटर में रेंजभर के थानों के खिलाफ आ रही शिकायतों को दर्ज करा रहे हैं। इसमें शिकायतों का प्रकार उल्लेख कराया जा रहा है। इस तरह से हरेक थानों की कुंडली तैयार कराई जा रही है, जिसकी कुछ महीने बाद समीक्षा की जाएगी। उस समय जिस थाने की शिकायतें ज्यादा होंगी, वहां के टीआई को सजा दी जाएगी।
नामवार भी तैयार कराए जा रहे हैं आंकड़े
हर थाने की कुंडली तैयार कराने के अलावा आईजी डांगी ने एक और बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत वे टीआई के खिलाफ नामवार शिकायतों के आंकड़े दर्ज करा रहे हैं। मसलन, कोई टीआई जब सिविल लाइन थाने में पदस्थ था, तब उनके खिलाफ कितनी शिकायतें आई थीं और जब वह चकरभाठा थाने में है तो कितनी शिकायतें आ रही हैं।
आईजी बोले- तो टीआई को मिलेगी सजा
आईजी डांगी ने बताया कि रेंज के थानों से आ रही शिकायतों की जांच तो करा रहे हैं। साथ ही उसे थानेवार कंप्यूटर में दर्ज भी करा रहे हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत शिकायतों के आंकड़े भी तैयार करा रहे हैं। कुछ महीने बाद इसकी समीक्षा की जाएगी, उस समय जिन थानेदारों के खिलाफ ज्यादा शिकायतें मिलेंगी, उन्हें सजा दी जाएगी।