बिलासपुर। अखिल भारतीय महापौर परिषद का 51 वां राष्ट्रीय सम्मेलन रायपुर स्थित होटल कोटयार्ट में आरंभ हो गया है। सम्मेलन में पहले दिन शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव ने मांग रखी की 1995 से सन् 2000 तक महापौरों को यह पावर होता था कि वे अफसरों की सीआर लिख सकते है। लेकिन 22 साल पहले अध्यादेश ला कर उसे बंद कर दिया गया। अब उसे एक बार फिर से शुरू किया जाए। महापौर अपने अधिकार खेतर क्षेत्र में आने वाले अफसरों के सीआर लिख सके।
इस दौरान महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जैन और राष्ट्रीय महासचिव उमाशंकर गुप्ता के साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित अन्य महापौर ने समर्थन करते हुए इसपर जल्द ही निर्णय करने मांग मुख्यमंत्री से की हैं। दो दिवसीय महापौर परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुजरात, कर्नाटक, आगरा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड के साथ बिरगांव समेत अन्य राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ के विभिन्ना नगर निगमों के महापौर पहुंचे।
सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे अलग-अलग राज्यों के महापौर अपने यहां हुए विकास कार्य, नई योजनाओं और नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए गए कार्यों को बताया साथ ही शहर के सुव्यवस्थित विकास पर सुझाव देंगे। अखिल भारतीय महापौर परिषद का 51 वां राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सत्र के मौके पर 28 अगस्त को राज्यपाल अनुसुइया उईके विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी।
निगम की अनुमति बिना कोई एजेसी काम न करें
महापौर यादव ने कहा कि नगर निगम सीमा क्ष्ोत्र में बिना निगम की अनुमति लिए पीडब्ल्यूडी, पीएचई सहित अन्य एजेसिया काम शुरू कर देती है जिसके चलते सड़कों की खुदाई के अलावा अन्य समस्याओं से लोगों को परेशान होना पड़ता है। जनता दूसरे एजेंसी के कराए जा रहे काम को निगम का काम समझती है। निगम में प्रतिदिन ऐसे शिकायते भी आती है। इस लिए काम शुरू करने से पहले निगम की अनुमति लेना अनिवार्य किया जाए।