छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ईडी ने दबिश दी है। रायपुर, बिलासपुर, कोरबा में कारोबारियों और अफसरों के घर कार्रवाई चल रही है। रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित ऑफिसर कॉलोनी में आईएएस अफसर रानू साहू के घर पर जांच जारी है।
राजधानी में रामदास अग्रवाल के जोरा स्थित अनुपम नगर के घर में भी टीम दस्तावेजों को खंगाल रही है। कोरबा में निगम कमिश्ननर प्रभाकर पांडेय के घर पर सुबह पांच बजे से पांच सदस्यीय टीम छानबीन कर रही है। ईडी की टीम के साथ सीआरपीएफ के जवान भी आए हुए हैं जो घर के अंदर और बाहर तैनात हैं।
रामदास अग्रवाल कोल और इस्पात कारोबार से जुड़े हुए हैं। पिछले दिनों आईटी की रेड भी पड़ी थी। रायपुर और रायगढ़ में इनका कारोबार है। फिलहाल ईडी के अफसरों ने छापे से संबंधित कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। बिलासपुर में एक बड़े ठेकेदार और कोल कारोबारी के घर भी कार्रवाई की सूचना है।
कोल स्कैम मामले में हो रही कार्रवाई
कार्रवाई कोल स्कैम मामले के साथ नान और मार्कफेड में पीडीएस घोटाले के सिलसिले में चल रही है। छत्तीसगढ़ में ईडी की ओर से दर्ज 2000 करोड़ रुपए की कथित आबकारी गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अनुसूचित अपराध के अभाव में कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर ही रोक लगाई है।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि इस मामले में अफसरों पर कोई दंडात्मक या कठोर कार्रवाई ना हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं को भी अंतरिम संरक्षण दिया है। ईडी इस केस में अब तक कारोबारी अनवर ढेबर, पूर्व आबकारी विशेष सचिव एपी त्रिपाठी के अलावा कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरविंद सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी करते हुए सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया था कि ईडी जांच के नाम पर प्रताड़ित और परेशान कर रही है।