बिलासपुर। शहर में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट संघ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। मंथन सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता एसडीएम पीयूष तिवारी ने की, जिसमें एडीशनल एसपी उमेश कश्यप, आरटीओ आनंदरूप तिवारी और सीएसपी उमेश गुप्ता सहित ट्रांसपोर्ट संघ के अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य वाहनों में साउंड बॉक्स और डीजे से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाना था।
बैठक के दौरान संघ के सदस्यों को उच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया। इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना संघ और प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। उच्च न्यायालय ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर सख्त रुख अपनाया है और इसके तहत वाहनों में तेज आवाज वाले साउंड बॉक्स या डीजे के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
एसडीएम पीयूष तिवारी ने स्पष्ट किया कि डीजे पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं, और किसी भी वाहन में साउंड बॉक्स नहीं लगाया जा सकता। यदि किसी वाहन में साउंड बॉक्स पाया जाता है, तो उसे तुरंत जब्त कर लिया जाएगा और वाहन के रिकॉर्ड में इसे दर्ज किया जाएगा। जब्त किए गए साउंड बॉक्स को कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी के आदेश के बाद ही छोड़ा जाएगा।
यदि किसी वाहन को दूसरी बार इसी अपराध में पकड़ा जाता है, तो उस वाहन का परमिट निरस्त कर दिया जाएगा। परमिट निरस्तीकरण के बाद, माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बिना वाहन को कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य वाहनों में ध्वनि प्रदूषण को कम करना और शहर में शांति और व्यवस्था बनाए रखना है।
बैठक में ट्रांसपोर्ट संघ के सदस्यों ने ध्वनि प्रदूषण के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने का भरोसा दिलाया। संघ के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि वे अपने सदस्यों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करेंगे ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की कार्रवाई से बचा जा सके।
जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की जा रही है, क्योंकि इससे न केवल ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों की मानसिक शांति और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।