बिलासपुर। रेलवे स्टेशन, जो 135 वर्षों का गौरवशाली इतिहास समेटे हुए है, अब एक म्यूजियम के रूप में संरक्षित किया जाएगा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) की महाप्रबंधक (जीएम) नीनू इटियेरा ने हाल ही में यह घोषणा की, जो बिलासपुर की जनता के लिए एक राहत की खबर है।
लंबे समय से यह अफवाह चल रही थी कि पुराने स्टेशन भवन को तोड़कर आधुनिक एयरपोर्ट की तर्ज पर नया स्टेशन बनाया जाएगा। इससे जनता और विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक संगठनों में आक्रोश फैल गया था। इसी के जवाब में जीएम ने स्पष्ट किया कि ऐतिहासिक रेलवे भवन नहीं तोड़ा जाएगा, बल्कि इसे म्यूजियम में परिवर्तित कर भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाएगा।
जनभावनाओं का सम्मान
जीएम नीनू इटियेरा ने बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली और सर्वदलीय मंच के सदस्यों के साथ एक मुलाकात में यह आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि रेल प्रशासन जनभावनाओं का सम्मान करता है और ऐसे किसी कदम पर विचार नहीं करेगा जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों। इसके बजाय, ऐतिहासिक स्टेशन भवन को संरक्षित कर म्यूजियम में तब्दील किया जाएगा ताकि इसका ऐतिहासिक महत्व सुरक्षित रहे।
अमृत भारत योजना के तहत कायाकल्प
जीएम इटियेरा ने यह भी बताया कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन का विकास अमृत भारत योजना के तहत किया जाएगा। इस योजना के तहत स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, और नया भवन पुराने भवन के साथ सामंजस्य में बनाया जाएगा। नए भवन के डिजाइन और ड्राइंग का काम लगभग पूरा हो चुका है, और जल्द ही इसे सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित किया जाएगा। इस तरह जनता को किसी भी तरह की शंका या भ्रम की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।
उसलापुर स्टेशन और खेल मैदानों का विकास
प्रतिनिधिमंडल ने उसलापुर स्टेशन की सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया, जहां से अब अधिकांश ट्रेनें चलती हैं। बारिश और गर्मी के मौसम में यात्रियों को असुविधा होती है, जिसे देखते हुए जीएम ने वहां भी सुविधाओं के विकास का आश्वासन दिया। इसके साथ ही, रेलवे क्षेत्र में स्थित खेल मैदानों की दुर्दशा पर भी ध्यान दिया गया। जीएम ने बताया कि सभी खेल मैदानों को उत्कृष्ट बनाया जाएगा और इसके लिए प्रस्ताव जल्द ही तैयार किए जाएंगे।
रेलमंत्री के नाम ज्ञापन
प्रतिनिधिमंडल ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम जीएम को दो ज्ञापन सौंपे। पहला ज्ञापन स्टेशन भवन के संरक्षण से संबंधित था, जबकि दूसरा ज्ञापन ट्रेन रद्दीकरण, ट्रेन लेटलतीफी, और बोगियों की संख्या बढ़ाने की मांग से संबंधित था। इस पर जीएम ने कहा कि रेलवे का विकास एक सतत प्रक्रिया है, और वर्तमान असुविधाएं केवल अस्थायी हैं। जब निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे, तब यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और यात्रा समय में भी कमी आएगी।