बिलासपुर। शहरी क्षेत्रों में शासकीय एवं नजूल भूमि की सुरक्षा और सत्यापन के उद्देश्य से कलेक्टर अवनीश शरण ने एक विशेष टीम गठित की है। इस कदम का उद्देश्य भूमि संबंधी गड़बड़ियों को रोकना और सरकारी जमीन के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक मजबूत व्यवस्था स्थापित करना है।
इस विशेष टीम का नेतृत्व बिलासपुर के एसडीएम करेंगे, जबकि इसके अंतर्गत कुल 9 टीमें विभिन्न क्षेत्रों में जांच कार्य करेंगी। इन टीमों का मुख्य कार्य शासकीय एवं नजूल भूमि का भू-अभिलेख से मिलान करना और भौतिक सत्यापन के आधार पर भूमि स्वामी एवं अधिकार अभिलेख की जांच करना है। जांच प्रक्रिया का उद्देश्य भूमि के वास्तविक स्वामित्व का पता लगाना है, ताकि सरकारी संपत्ति की हानि को रोका जा सके।
कलेक्टर द्वारा गठित प्रत्येक टीम में पांच सदस्य होंगे, जिनमें क्षेत्र के राजस्व अधिकारी, नगर निगम के जोन अफसर, राजस्व निरीक्षक, हलका पटवारी शामिल हैं। हर टीम को अलग-अलग क्षेत्रों में जिम्मेदारी सौंपी गई है। उदाहरण के तौर पर, नजूल अधिकारी एसएस दुबे की टीम एक क्षेत्र की देखरेख करेगी, जबकि अन्य टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में काम करेंगी।
कलेक्टर ने कुछ मामलों में पंजीयन में हुई गड़बड़ियों की भी जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच इस बात पर केंद्रित होगी कि किस प्रकार प्रतिबंधों के बावजूद पंजीयन किया गया और इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर उप पंजीयक के खिलाफ राज्य सरकार को ठोस कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री की कलेक्टर कॉन्फरेंस में दिए गए निर्देशों के अनुसार, कलेक्टर अवनीश शरण ने टीएल बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने राजस्व मामलों में सख्ती बरतने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात पर जोर दिया। यह कदम न केवल सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।