बिलासपुर। हाल के दिनों में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है, खासकर बिलासपुर क्षेत्र में। अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं, जिसमें उन्हें कानून से संबंधित मामलों में फंसाने, बैंकिंग धोखाधड़ी और फर्जी निवेश के माध्यम से ठगी करना शामिल है। हालिया घटनाओं में, अपराधियों ने खुद को पुलिस, सीबीआई, या अन्य सरकारी एजेंसी के अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमका कर उनसे बड़ी रकम ठग ली।
ठगी की प्रमुख घटनाएं
पहला मामला: बिषाखा डे की ठगी
दिनांक 12.09.24 को बिषाखा डे, निवासी मित्र विहार कॉलोनी, बिलासपुर, के साथ एक अनजान व्यक्ति ने मुंबई के पार्सल ऑफिस का अधिकारी बनकर संपर्क किया। उसने बताया कि दुबई के लिए भेजे गए पार्सल में अवैध सामग्री मिली है, जिसमें पुलिस की वर्दी, एटीएम कार्ड और ड्रग्स (कीटामीन) शामिल हैं। इसके बाद, उसने बिषाखा को गिरफ्तारी का भय दिखाकर 61,93,720 रुपये ठग लिए।
दूसरा मामला: नीरज कुमार सिंह से ठगी
दूसरे मामले में, दिनांक 13.09.24 को नीरज कुमार सिंह, निवासी विवेकानंद नगर, तोरवा, बिलासपुर, को एक अनजान व्यक्ति ने खुद को मुंबई सीबीआई ऑफिसर बताकर संपर्क किया। उसने नीरज पर मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाकर गिरफ्तारी का डर दिखाया और फर्जी दस्तावेज भेजकर उससे 16,50,047 रुपये ठग लिए।
ठगी के तरीकों का विश्लेषण
इन दोनों मामलों में, ठगों ने एक ही पैटर्न का उपयोग किया। उन्होंने पीड़ितों को उनके बैंक खातों में जमा राशि को मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित बताकर डराया। इसके बाद, उन्हें आरबीआई, सीबीआई, या पुलिस अधिकारी बनकर खाते में मौजूद पैसे एक अन्य खाते में जमा करवाने के लिए कहा और इस तरह ठगी की गई।
फॉरेन ट्रेडिंग में ठगी
इसके अलावा, लोग फॉरेन ट्रेडिंग या अन्य निवेश योजनाओं के नाम पर भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच देकर ठग ऐप्स के माध्यम से मुनाफा दिखाते हैं, लेकिन असल में वह पैसा निकाला नहीं जा सकता। ठग पैसे निकालने के लिए जीएसटी और अन्य शुल्क के बहाने और पैसे मांगते हैं। जब पीड़ित पैसा नहीं देता, तो उसे ग्रुप से हटा दिया जाता है और उसका ऐप में बैलेंस शून्य हो जाता है।
साइबर ठगों से बचने के उपाय
बिलासपुर पुलिस ने आम जनता को साइबर ठगों से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियों का पालन करने की अपील की है:
1. फर्जी कॉल्स से सावधान रहें: यदि कोई अनजान व्यक्ति खुद को पुलिस, सीबीआई, या ईडी का अधिकारी बताकर आपसे संपर्क करता है और आपको किसी गंभीर मामले में फंसाने की धमकी देता है, तो उसकी बातों में न आएं। ऐसे कॉल्स से सावधान रहें और कोई व्यक्तिगत जानकारी न दें।
2. निजी जानकारी साझा न करें: अनजान नंबर से आने वाले कॉल्स या मैसेज पर कभी भी बैंकिंग डिटेल्स, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, या कोई अन्य निजी जानकारी साझा न करें।
3. ठगी की शिकायत तुरंत दर्ज कराएं:
- – यदि आपके साथ साइबर ठगी हो जाती है, तो तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
- – आप हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क कर सकते हैं।
- – इसके अलावा, [https://cybercrime.gov.in](https://cybercrime.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं।
आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि हम सतर्क रहें और किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या ऑनलाइन गतिविधि पर भरोसा न करें। पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों द्वारा जारी की गई सलाहों का पालन करना और सतर्कता बरतना ही साइबर ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।