बिलासपुर नगर निगम प्रशासन ने हाल ही में अवैध प्लाटिंग और अवैध कॉलोनी निर्माण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए बुलडोजर कार्यवाही की। 22 अक्टूबर, 2024 को नगर निगम ने ग्राम मोपका, बहतराई, और बिजौर में निजी भूमि मालिकों द्वारा किए जा रहे अवैध कॉलोनी निर्माण और प्लाटिंग पर कार्रवाई की।
इन क्षेत्रों में बिना अनुमति के भूमि को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर उसे आवासीय प्रयोजनों के लिए बेचा जा रहा था। यह प्रक्रिया छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 ग (2) और 2013 के कॉलोनाइजर रजिस्ट्रेशन नियमों का उल्लंघन करती है, जिसके तहत कॉलोनी निर्माण के लिए निगम से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। निगम ने इसे दंडनीय अपराध के रूप में दर्ज किया है।
ग्राम बहतराई में सुनील कुमार सोनकर द्वारा 0.2646 हेक्टेयर की भूमि, खसरा नंबर 180/1 को पांच टुकड़ों में विभाजित कर बेचा जा रहा था। इसके लिए बिना अनुमति सड़कों और नालियों का निर्माण किया गया था। निगम प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर इन निर्माणों को नष्ट किया। इस भूमि का विभाजन और विक्रय कई व्यक्तियों को किया जा रहा था, जिसमें केशव साहू, गोविन्द साहू, मौसम कुमार साहू, संध्या राजपूत, रानी देवांगन, और पुष्पा देवी शामिल हैं। इन सभी का नामांतरण लंबित होने के कारण, उप-पंजीयक को भूमि की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र भेजा गया है।
इसके अतिरिक्त, ग्राम बहतराई के खसरा नंबर 501/1 और 53/1 पर अवैध सड़क निर्माण को भी हटा दिया गया, जो कि सरकारी भूमि थी।
ग्राम मोपका में जायसवाल परिवार के नाम दर्ज खसरा नंबर 33/2, 33/3, 33/4 पर अवैध कच्ची सड़क का निर्माण किया गया था। नगर निगम ने इस सड़क को भी हटाया और संबंधित व्यक्तियों की जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए उप-पंजीयक को पत्र भेजा।
उपरोक्त मामलों के अतिरिक्त, खसरा नंबर 35/7 और 36/2 के मालिक राघवेंद्र कौशिक द्वारा अवैध रूप से बनाई गई सड़कों को भी हटाया गया। नगर निगम प्रशासन ने इन सभी लोगों के खिलाफ भविष्य में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की योजना बनाई है।
इस कार्रवाई के दौरान तहसीलदार मुकेश देवांगन, नायब तहसीलदार सिध्दी गबेल भवन अधिकारी सुरेश शर्मा, जोन आयुक्त प्रवीण शर्मा, उपअभि. प्रीति कंवर, जुगल किशोर सिंह अतिक्रमण प्रभारी/कर्मचारी, जोन क्र.07 के कर्मचारी एवं पुलिस बल उपस्थित रहें।
यह कार्यवाही दर्शाती है कि बिलासपुर नगर निगम अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है और अवैध कॉलोनाइजरों पर शिकंजा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। यह न केवल कानून के पालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि शहर के नियोजित विकास और भूमि उपयोग में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।