बिलासपुर। सीपत थाना क्षेत्र के नवागांव में एक क्रूर और दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। एक शराबी युवक ने नशे की हालत में एक बंदर की बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद बंदर को गंभीर हालत में कानन पेंडारी जू में भर्ती कराया गया। यह घटना 29 अक्टूबर की है, जब बंदर सब्जियों को नुकसान पहुंचा रहा था, और इसी कारण से विवाद खड़ा हुआ।
मनोज यादव नामक व्यक्ति की बाड़ी में एक बंदर घुसकर सब्जियों को नुकसान पहुंचा रहा था। इस स्थिति को देखकर मनोज और उनके परिवार के सदस्यों ने बंदर को भगाने की कोशिश की और उस पर पत्थर से हमला कर दिया। पत्थर की चोट से बंदर घायल हो गया और जमीन पर गिर गया। इसके बाद परिवार के लोग घायल बंदर को पानी पिलाने लगे ताकि उसकी हालत थोड़ी ठीक हो सके।
घटना यहीं समाप्त नहीं हुई। गांव का ही रहने वाला सनत विश्वकर्मा, जो उस समय शराब के नशे में था, मौके पर पहुंचा और उसने घायल बंदर को देखकर उसकी एक मोटे डंडे से पिटाई शुरू कर दी। सनत ने बंदर पर बिना किसी रुकावट के डंडे से ताबड़तोड़ हमले किए। यह घटना तब और भी भयावह हो गई जब आसपास के लोग बंदर की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सनत ने किसी की बात नहीं मानी और लगातार बंदर पर हमला करता रहा।
इस क्रूर घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सनत विश्वकर्मा बंदर को बेरहमी से पीट रहा है और उसे घसीट-घसीट कर मार रहा है। कई लोग उसे रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह अपने नशे में किसी की बात नहीं सुनता। इस घटना के वायरल होने के बाद सर्व हिन्दू समाज ने इस मामले की शिकायत सीपत थाने में दर्ज कराई है।
घायल बंदर को तत्काल इलाज के लिए कानन पेंडारी जू ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। वन्यजीव संरक्षण और पशु अधिकारों से जुड़े संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने स्थानीय लोगों और पशु प्रेमियों में गुस्सा भर दिया है। समाज में हिंसा और क्रूरता के प्रति बढ़ती असहिष्णुता का यह एक और उदाहरण है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है, और आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
यह घटना एक महत्वपूर्ण सवाल उठाती है कि क्या इंसान अपने स्वार्थ और क्रोध के चलते अपने आसपास के निर्दोष जीवों के प्रति इतनी अमानवीय हो सकता है? इस तरह की घटनाओं पर समाज और कानून को मिलकर कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी क्रूरता न हो।