बिलासपुर। एक ओर जहां बिलासपुर शहर स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत विकास की राह पर है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक व्यवस्था की अनदेखी लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। शहर के नेहरू नगर से नर्मदा नगर को जोड़ने वाली सड़क पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल वर्षों से बंद पड़े हैं। इन सिग्नलों के निष्क्रिय होने से रोज़ाना क्षेत्र में भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे वाहन चालकों और क्षेत्रवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लगातार बढ़ता ट्रैफिक और दुर्घटना की आशंका
नेहरू नगर और नर्मदा नगर की सड़क पर वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण यहां ट्रैफिक जाम आम हो चुका है। चारों दिशाओं से आने वाले वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही के कारण दुर्घटना की आशंका हर समय बनी रहती है। इस समस्या का समाधान करना ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विडंबना यह है कि इस मार्ग से वीआईपी काफिले भी रोज़ाना गुजरते हैं, फिर भी इस समस्या की अनदेखी की जा रही है।
पुलिस की निष्क्रियता और क्षेत्रवासियों की नाराजगी
चौराहे पर न तो कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी तैनात किया गया है और न ही बंद पड़े सिग्नल को चालू करने की दिशा में कोई प्रयास किया गया है। स्थानीय लोग लंबे समय से ट्रैफिक सिग्नल की मरम्मत और सिग्नल व्यवस्था को चालू करवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि प्रशासन को इस समस्या पर जल्द संज्ञान लेना चाहिए। वाहन चालक भी यह मांग कर रहे हैं कि ट्रैफिक पुलिस को न केवल बंद सिग्नल को चालू करना चाहिए, बल्कि पूरे क्षेत्र में व्यवस्थित ट्रैफिक संचालन के लिए अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी सिग्नल लगाए जाने चाहिए।
क्या हो सकता है समाधान?
1. सिग्नल को सक्रिय करना: सबसे पहले नेहरू नगर और नर्मदा नगर की सड़क पर बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल को चालू करना बेहद जरूरी है। इससे न केवल ट्रैफिक का सही ढंग से प्रबंधन हो सकेगा, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी कम हो जाएगी।
2. पुलिस की तैनाती: चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की नियमित तैनाती सुनिश्चित की जानी चाहिए। इससे सिग्नल के अलावा भी ट्रैफिक को मैन्युअली नियंत्रित किया जा सकेगा।
3. नए सिग्नल की स्थापना: क्षेत्र में कई स्थानों पर सिग्नल लगाने की आवश्यकता है। जिन स्थानों पर खंभे लगाए जा चुके हैं, वहां जल्द से जल्द सिग्नल स्थापित किए जाने चाहिए।
4. स्टॉपर का उपयोग: ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सड़क के कुछ हिस्सों में स्टॉपर लगाए जा सकते हैं, ताकि वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जा सके और जाम की समस्या कम हो।
जनमानस की उम्मीदें और प्रशासन की जिम्मेदारी
स्मार्ट सिटी का लक्ष्य सिर्फ आधुनिक सुविधाओं का विकास करना नहीं है, बल्कि आम जनमानस को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना भी है। ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं न केवल लोगों की दैनिक दिनचर्या को प्रभावित करती हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ाती हैं।
अब समय आ गया है कि प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस इस गंभीर समस्या पर ध्यान दें और बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल को जल्द से जल्द चालू करें। साथ ही, क्षेत्रवासियों की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तैनाती और नए सिग्नल लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।
स्मार्ट सिटी का सपना तभी साकार हो सकता है, जब शहर की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान दिया जाए। ट्रैफिक सिग्नल जैसी छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करके ही बिलासपुर को एक वास्तविक स्मार्ट सिटी बनाया जा सकता है, जहां लोग सुरक्षित और सुचारू यातायात का आनंद ले सकें।