बिलासपुर, 17 दिसंबर 2024
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन की टीम ने आज दो और राइस मिलों पर छापेमारी कर उन्हें सील कर दिया। साथ ही, मिलों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए और बड़ी मात्रा में धान, चावल एवं कनकी का स्टॉक जब्त कर लिया गया। यह कार्रवाई कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में की गई।
प्रशासन की टीम ने जिन राइस मिलों पर कार्रवाई की, उनमें से पहली है श्रीजी राइस मिल, सेन्दरी, जिसके संचालक जुगल किशोर पालीवाल हैं। इस मिल से कुल 4022 क्विंटल धान, 2322 क्विंटल चावल और 109 क्विंटल कनकी** बरामद की गई। दूसरी राइस मिल लक्ष्मी एग्रोटेक, बिल्हा, संचालक गौरव अग्रवाल की है, जहां से 280 क्विंटल धान जब्त किया गया।
इन दोनों मिलों पर आरोप है कि उन्होंने कस्टम मिलिंग नियमों के तहत निर्धारित प्रावधानों का पालन नहीं किया और शासन द्वारा अधिसूचित प्रक्रिया में सहयोग से इनकार किया। प्रशासन ने दोनों मिलों को सील कर दिया है और उनके बिजली कनेक्शन भी काट दिए हैं।
इस कार्रवाई में राजस्व, खाद्य, मार्कफेड, पुलिस और बिजली विभाग के अधिकारी शामिल थे। कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक में धान खरीदी की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि कस्टम मिलिंग में असहयोग करने वाले या अनियमितता में शामिल राइस मिलों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।
छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग के तहत राइस मिलों को सरकारी खरीद केंद्रों से धान प्राप्त होता है, जिसे चावल में परिवर्तित कर मार्कफेड को वापस करना होता है। लेकिन हाल के दिनों में कई मिलों पर आरोप लगा है कि वे या तो स्टॉक छुपा रहे हैं या चावल वापसी में देरी कर रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए मिलर्स पर नकेल कसने का अभियान शुरू किया है।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से धान खरीदी और मिलिंग प्रक्रिया की निगरानी करें। साथ ही, जिन मिलर्स के खिलाफ अनियमितता की शिकायतें मिल रही हैं, उनकी गहन जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि सरकार कस्टम मिलिंग प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेगी। साथ ही, यह कदम अन्य मिलर्स के लिए एक चेतावनी भी है कि वे नियमों का पालन करें।
बिलासपुर प्रशासन द्वारा राइस मिलों पर हुई यह कार्रवाई शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल धान खरीदी और चावल मिलिंग प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि किसानों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी।