बिलासपुर। जिले के कोटा अनुविभाग में सरकारी जमीन के डायवर्सन को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर एसडीएम कोटा ने पुनर्विलोकन (रीविज़न) के बाद ग्राम घांसीपुर स्थित 60 डिसमिल सरकारी भूमि के डायवर्सन आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही इस भूमि पर चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
ग्राम घांसीपुर, तहसील रतनपुर में स्थित खसरा नंबर 61/10, रकबा 2.023 हेक्टेयर में से 0.60 एकड़ जमीन का डायवर्सन तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (रा.) कोटा द्वारा 22 नवंबर 2024 को स्वीकृत किया गया था। यह जमीन किशनलाल पिता हीरालाल के नाम दर्ज थी, जिन्होंने अपने पक्ष में यह दावा किया कि वे भूतपूर्व सैनिक हैं और उन्हें यह जमीन 1983 में नायब तहसीलदार द्वारा पट्टे पर दी गई थी।
हालांकि, जांच में सामने आया कि यह भूमि निस्तार पत्रक में ‘बड़े झाड़ का जंगल’ के रूप में दर्ज है तथा इसे अभी तक निस्तार भूमि से पृथक नहीं किया गया है। इसके अलावा, मिसल रिकॉर्ड से मिलान करने पर यह पाया गया कि संबंधित भूमि का रकबा अधिक है।
शिकायत प्राप्त होने पर एसडीएम कोटा ने पूरे मामले की गहराई से जांच की। उन्होंने पाया कि डायवर्सन आदेश त्रुटिपूर्ण है और नियमों का उल्लंघन करते हुए पारित किया गया है। इसके बाद, अतिरिक्त कलेक्टर से पुनर्विलोकन की अनुमति ली गई और पक्षकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।
पुनर्विलोकन के बाद यह स्पष्ट हुआ कि जमीन निस्तार पत्रक से पृथक नहीं हुई है और सरकारी भूमि के रूप में दर्ज है। इसी आधार पर 22 नवंबर 2024 को जारी डायवर्सन आदेश को निरस्त कर दिया गया। साथ ही भूमि पर चल रहे निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है।
कलेक्टर अवनीश शरण ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और इसे टीएल पंजी में दर्ज कर इसकी नियमित समीक्षा की। उनके निर्देश पर ही एसडीएम कोटा ने यह कड़ा कदम उठाया।