रायपुर, 18 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच अब राज्य की सियासत के सबसे ऊंचे गलियारों तक पहुंच गई है। शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निजी निवास पर दबिश दी। इस कार्रवाई से प्रदेश की राजनीति में नया तूफान खड़ा हो गया है।
ईडी की इस छापेमारी की जानकारी खुद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने लिखा, “ईडी आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।”
इस बयान के साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य की मौजूदा सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया।
घोटाले की राशि में इज़ाफ़ा, जांच में आई तेजी
छत्तीसगढ़ का यह आबकारी (शराब) घोटाला अब तक 3200 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। पहले यह घोटाला करीब 2100 करोड़ रुपये का बताया जा रहा था, लेकिन ईडी की हालिया जांच में सामने आई नई जानकारियों ने इस घोटाले के दायरे को और बढ़ा दिया है।
मंगलवार को ईडी ने होटल कारोबारी विजय अग्रवाल के भिलाई, गोवा और दिल्ली स्थित कई ठिकानों पर छापे मारे। कार्रवाई में करीब 70 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। विजय अग्रवाल को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी माना जाता है, जिसके चलते अब यह छापेमारी सीधे बघेल तक जा पहुंची है।
क्या है तमनार विवाद?
ईडी की कार्रवाई को लेकर भूपेश बघेल ने दावा किया कि यह कदम विधानसभा सत्र में विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले तमनार वन कटाई मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है। तमनार में उद्योग समूह अडानी द्वारा प्रस्तावित परियोजना के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई की जा रही है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार विरोध जता रहा है।
राजनीति में उठा भूचाल
ईडी की कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस नेताओं ने इसे केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया है, जबकि भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।