बिलासपुर। ग्राम नंदेली (तहसील जैजैपुर, जिला सक्ती) में शासकीय भूमि पर पूर्व सरपंच के पुत्र द्वारा किए जा रहे अवैध पत्थर खनन के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने खनन विभाग के सचिव को निर्देशित किया है कि वे इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
यह जनहित याचिका याचिकाकर्ता खोलबाहरा द्वारा अधिवक्ता योगेश चंद्रा के माध्यम से दायर की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि ग्राम नंदेली स्थित खसरा नंबर 16/1, कुल रकबा 14.2 हेक्टेयर पर पूर्व सरपंच का पुत्र राजेश्वर साहू एवं अन्य लोग लंबे समय से गौण खनिज पत्थर का अवैध उत्खनन कर रहे हैं।
ग्रामीणों द्वारा जिला और तहसील प्रशासन को बार-बार शिकायतें देने के बावजूद, इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पहले भी याचिकाकर्ता ने इस संबंध में रिट याचिका दाखिल की थी, जिसे न्यायालय ने 30 जून 2025 को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से प्रभावित नहीं है। साथ ही, कोर्ट ने जनहित याचिका दाखिल करने की छूट दी थी।
वर्तमान में दायर जनहित याचिका में अधिवक्ता चंद्रा ने यह भी उल्लेख किया कि कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद प्रतिवादी स्थल को धीरे-धीरे पाटने का प्रयास कर रहे हैं ताकि अवैध खनन के सबूत मिटाए जा सकें। उन्होंने कोर्ट से इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ने कोर्ट से उत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। साथ ही, कोर्ट ने खनन विभाग के सचिव को इस मामले में स्वयं का हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया है, जिससे प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।