बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट भर्ती को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि केवल डिप्लोमा धारकों को ही पात्र बताना गलत है। हाईकोर्ट ने बी.फार्मा (B.Pharm) और इससे उच्च डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को भी इस भर्ती प्रक्रिया में पात्र माना है। यह आदेश केवल याचिकाकर्ताओं तक सीमित न रहकर सभी योग्य उम्मीदवारों पर लागू होगा।
इस फैसले के बाद उन हजारों युवाओं को राहत मिली है, जो फार्मेसी में स्नातक या उससे उच्च डिग्री रखते हैं, लेकिन पात्रता नियमों के कारण फार्मासिस्ट भर्ती से बाहर कर दिए गए थे।
न्यायालय ने इस भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम राहत देते हुए व्यापम को आदेश दिया है कि वह नई आवेदन प्रक्रिया शुरू करे। व्यापम को नया पोर्टल खोलकर योग्य अभ्यर्थियों से फिर से आवेदन लेना होगा। इसके लिए 25 जुलाई शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है, जब तक सभी योग्य उम्मीदवार दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
हाईकोर्ट ने शासन को दिए ये निर्देश
- राज्य शासन को निर्देशित किया गया है कि इस आदेश की सूचना अखबारों, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से व्यापक रूप से प्रसारित करें, ताकि कोई भी योग्य अभ्यर्थी इससे वंचित न रहे।
- यह आदेश व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि सभी पात्र उम्मीदवारों पर समान रूप से लागू होगा।
यह जनहित याचिका राहुल वर्मी सहित अन्य उम्मीदवारों की ओर से दाखिल की गई थी। मामले में अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिया ने जोरदार पैरवी की और अदालत को बताया कि उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थियों को अयोग्य बताना अन्यायपूर्ण है। कोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार करते हुए यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट का यह फैसला उन सभी फार्मेसी स्नातकों के लिए एक बड़ी जीत है जो लम्बे समय से इस अन्यायपूर्ण पात्रता नियम के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। अब व्यापम को भर्ती प्रक्रिया को फिर से खोलना होगा और बी.फार्मा, एम.फार्मा जैसे डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को भी समान अवसर देना होगा।
यह फैसला राज्य के शिक्षा और भर्ती प्रणाली के लिए भी एक दिशा-सूचक सिद्ध हो सकता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि योग्यताओं का निर्धारण तार्किक और न्यायसंगत तरीके से किया जाए।