बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (सीजी रेरा) ने बिलासपुर के चर्चित हाउसिंग प्रोजेक्ट ‘लोविना कोर्ट्स’ को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट में प्लॉट और मकानों की खरीदी-बिक्री, पंजीयन एवं किसी भी प्रकार के लेन-देन पर तत्काल प्रभाव से अंतरिम रोक लगा दी है। यह फैसला रेरा अधिनियम 2016 की धारा 4(2)(1)(क) के उल्लंघन को लेकर लिया गया है।
रेरा अधिनियम की धारा 4(2)(1)(क) के अनुसार, किसी भी रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट के प्रमोटर को आवंटियों से प्राप्त कुल धनराशि का कम से कम 70 प्रतिशत एक अलग बैंक खाते में रखना अनिवार्य होता है। इसका उपयोग केवल निर्माण कार्य और भूमि की लागत पर किया जा सकता है। यह प्रावधान आवंटियों के हितों की सुरक्षा और उनकी पूंजी के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से बनाया गया है।
सीजी रेरा की जांच में सामने आया कि लोविना कोर्ट्स प्रोजेक्ट के प्रमोटर ने इस नियम का उल्लंघन किया है। इस वित्तीय अनियमितता ने न केवल पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए, बल्कि खरीदारों के हितों को भी खतरे में डाला।
आदेश की प्रमुख बातें:
- लोविना कोर्ट्स प्रोजेक्ट में नई खरीदी-बिक्री, पंजीयन और लेन-देन पर रोक
- यह अंतरिम आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि प्रमोटर सभी जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करता
- उल्लंघनों के समाधान और रेरा की शर्तों की पूर्ति के बाद ही प्रतिबंध हटेगा
खरीदारों की पूंजी की सुरक्षा सर्वोपरि
सीजी रेरा ने साफ कहा है कि वह घर खरीदारों की पूंजी की सुरक्षा, निर्माण की पारदर्शिता और प्रमोटरों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्रवाई उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि रेरा अधिनियम के किसी भी नियम की अनदेखी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कोई भी प्रमोटर हो।
क्या होगा आगे?
प्रमोटर को अब प्राधिकरण के समक्ष सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत होकर यह साबित करना होगा कि उसने नियमों का पालन करना शुरू कर दिया है। अन्यथा, यह रोक आगे भी जारी रह सकती है, जिससे खरीदारों और निवेशकों की परेशानी बढ़ सकती है।