बिलासपुर। शहर में “आर्किटेक्ट” की उपाधि का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स (IIA) बिलासपुर सेंटर ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट चेतावनी दी है कि बिना वैध पंजीयन के ‘आर्किटेक्ट’ टाइटल का प्रयोग करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रेस क्लब बिलासपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में IIA बिलासपुर की अध्यक्ष आर्किटेक्ट नीना असीम ने कहा कि देशभर में ‘आर्किटेक्ट’ की उपाधि को लेकर भ्रम और दुरुपयोग की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे आम उपभोक्ता भी गुमराह हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “आर्किटेक्ट एक्ट 1972 के अनुसार, केवल वही व्यक्ति या संस्था इस उपाधि का उपयोग कर सकते हैं, जो काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर (COA) से विधिवत पंजीकृत हों। अन्यथा यह एक दंडनीय अपराध है।”
संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी सौरभ राहटगांवकर, राज प्रजापति, देबाशीष घटक, श्याम शुक्ला और निर्मल अग्रवाल ने भी संयुक्त रूप से बताया कि बिलासपुर में अनेक भवन सलाहकार, डिजाइन फर्म और कुछ व्यक्ति लेटरहेड, विज्ञापन, सोशल मीडिया और साइनबोर्ड में खुद को ‘आर्किटेक्ट’ दर्शा रहे हैं, जबकि वे COA से पंजीकृत नहीं हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के साथ भी धोखा है।
संस्था की ओर से स्पष्ट कहा गया कि “अब जो भी गैरपंजीकृत व्यक्ति या फर्म आर्किटेक्ट की उपाधि का प्रयोग करते पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी। अब तक जो हुआ उसे छोड़ भी दें, लेकिन आगे कोई भी ढील नहीं दी जाएगी।”
IIA ने इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के 2017 के आदेश का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि COA से पंजीकृत आर्किटेक्ट को देश के किसी भी राज्य या नगर निकाय में अलग से किसी लाइसेंस या पंजीयन की आवश्यकता नहीं है। केवल COA रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ कार्य करना ही पर्याप्त है। ऐसे में स्थानीय निकाय द्वारा पंजीकरण की मांग करना गलत है।
IIA बिलासपुर सेंटर ने निर्णय लिया है कि संस्था का कोई भी सदस्य अब नगर निगम या अन्य निकायों से अलग से पंजीकरण नहीं कराएगा। इस बाबत निगम को पहले ही प्रतिवेदन सौंपा जा चुका है और शीघ्र ही प्रतिनिधिमंडल निगम अधिकारियों से मुलाकात करेगा।
IIA ने शहरवासियों से भी अपील की है कि वे भवन निर्माण, डिज़ाइन या प्लानिंग के लिए केवल COA से पंजीकृत आर्किटेक्ट्स की ही सेवाएं लें। इससे न केवल वैधानिकता बनी रहेगी बल्कि गुणवत्ता और सुरक्षा की भी गारंटी सुनिश्चित हो सकेगी।